"जिंदगी" में सब कुछ छोड़ देना लेकिन "मुस्कुराना" और "उम्मीद" कभी मत छोड़ना, ज़िंदगी का मतलब एक कदम आगे, और एक कदम पीछे नहीं, समझ आये तो पार्क में झूला खाया करो, सब समझ आ जायेगा, सच्ची सफलता इंसान को तब मिलती है, जब उसे पत्ता रहता है,? कहाँ खुद को आगे करना है,? और कहाँ पीछे हटना है, वो चाहे "व्यापार" हो, या "रिश्तेदारी" जब सोच में मोच आती है, तब हर रिश्ते में खरोंच आती है, तूफान ज्यादा हो तो, कश्तियाँ भी डूब जाती हैं, और "अहंकार" ज्यादा हो तो,? हस्तियां भी डूब जाती हैं, हमें अपनी प्रार्थना में ईश्वर से हमें ऐसी आंखें मांगनी चाहिए, जो हर इंसान में अच्छाई देख सके, ऐसा दिल मांगना चाहिए, जो हर गलती को माफ़ कर सके, ऐसा दिमाग मांगना चाहिए, जो किसी का बुरा ना सोचे, और ऐसा दृढ़ संकल्प मांगना चाहिए, जो कभी उस परम पिता परमेश्वर पर से हमारी "आस्था" ना हटने दे, हम "ईश्वर" से इतनी ही प्रार्थना करनी है, इतनी शक्ती हमे देना "ईश्वर" मन का विश्वास कमजोर हो ना,? हम चले नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी, कोई भूल हो ना..