जो लोग आपका अच्छा वक्त देखकर मान सम्मान दे वो आपके नहीं हो सकते...!
क्योंकि
समय देखकर तो मतलब पूरे किए जाते है, कोई रिश्ते नहीं निभाए जा सकते है...!!
"सत्य" की "भूख" सभी को है
लेकिन
जब "परोसा" जाता है तो बहुत कम लोगो को इसका "स्वाद" पसंद आता है
आँख खोलकर दूसरों की बुराई देखने की बजाय आँख बंद करके स्वयं की बुराई को देखना ज्यादा बेहतर है। दूर दृष्टा बनो मगर दोष दृष्टा कभी मत बनो।
जो दोष हम दूसरों में ढूंढते हैं अगर वही दोष स्वयं में ढूँढे जाएं तो जीवन के परिमार्जन का इससे श्रेष्ठतम कोई साधन नहीं हो सकता।
वक्त की धूप में पकी हुई चीज वाकई कीमती होती है .....
तभी तो अंगूर से ज्यादा कीमत किसमिस की होती है.....
"चार बातों" में कभी भी
शर्म औऱ संकोच
नहीं महसूस करनी चाहियें।
- पुराने कपड़े
- गरीब मित्र
- बुज़ुर्ग माता-पिता
औऱ...
सरल जीवन-शैली