किसे धिक्कार रहे ?
क्या यह पहला हादसा है ?
गन्दी-विकृत फिल्मों को कौन बढ़ावा देता है ?
कभी सोचा है
इसे बनाना और देखना एक विकृति है
विकृति के सिवा कुछ भी नहीं …
जब बादल जमा होते हैं
तो बारिश होती है
जब दर्द जमा होता है
तो आँसू
और जब विकृति जमा होती है
तो हादसे !
गौर से देखिये
ये सारे मानसिक रोगी हमारे आस-पास हैं
अनदेखा करके
हम ही भेड़िये का भोजन तैयार कर रहे हैं !
युवा समूह सरेआम,
सरेराह
गले में बाँहें डाले
अश्लील हरकतों के साथ
बुज़ुर्गों को हिकारत से देखते हैं
मासूम आँखें उन्हें देखती हैं
और …
हर बात की एक शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रिया होती है
शरीर और मन से बड़े नहीं हुए
लेकिन 'आई लव यू' बोलना आ गया !
लव यानि प्यार का अर्थ जाने बगैर
कदम विध्वंस की ओर बढ़ते जा रहे हैं …
भाषा कोई भी हो
शहर कोई भी हो
वर्ग कोई भी हो
सब विकृति फैला रहे
समेट रहे
……
दुखद है - कहने से क्या ?
कल फिर कुछ होगा
दहशत ही जीने का पर्याय बन चुका है