कभी प्यार किया है शब्द ों से
जो जेहन में उभरते हैं
और पन्नों पर उतरने से पहले
गुम हो जाते हैं
उन शब्दों से रिश्ता बनाया है
जो नश्तर बन
दिल दिमाग को अपाहिज बना देते हैं ...
इन शब्दों को श्रवण बनकर
कितना भी संजो लो
इन्हें जाने अनजाने मारने के लिए
कई ज़हरी्ले वाण होते हैं
लेकिन शब्द =
फिर भी पनपते हैं
क्योंकि उन्हें खुद पर भरोसा होता है