भारत के इतिहास में कई महान संत हुए हैं जिन्होंने अपने जीवन में कविताओं के जरिए लोगों के दिलों में जगह बनाई। मगर संत कबीरदास की रचनाओं का कोई जोड़ नहीं था। वे एक आध्यात्मिक कवि थे जिन्होंने अपनी रचनाओं से हिंदी साहित्य को बदल दिया था और
अन्तर्यात्रा का रहस्यविजय कुमार तिवारीकर सको तो प्रेम करो।यही एक मार्ग है जिससे हमारा संसार भी सुव्यवस्थित होता है और परमार्थ भी।संसार के सारे झमेले रहेंगे।हमें स्वयं उससे निकलने का तरीका खोजना होगा।किसी का दिल हम भी दुखाये होंगे और कोई हमारा।हम तब उतना सावधान नहीं होते जब हम किसी के दुखी होने का का
बहुत पहले की बात है किसी राज्य मे एक राजा रहता था ! राजा बहुत ही बहादुर,पराकर्मी होने के साथ-साथ घमंडी और दुष्ट प्रवृति का भी था ! उसने बहुत से राजाओं को हराकर उनके राज्य पर कब्जा कर लिया ! उसके बहादुरी और दुष्टता के किस्से दूर-दूर तक फैला हुआ था ! वो किसी भी साधु-महात्मा
रोज सुबह ड्यूटी पे जाना रोज शाम लौट के रूम पे आना,ये रूटीन सा बन गया था, मोहन के लिये ! हालाँकि रूम से फैक्ट्री ज़्यादा दूर नहीं था, तकरीबन१०-१५ मिनट का रास्ता है ! मोहन उत्तर प्रदेश का रहने वाला है,करीब २ सालों से यहाँ (नोएडा) मे एक प्राइवेट फैक्ट्री मे काम कर रहा है ! र
ऑटो स्टैंड से दौड़ता हुआ , मैं जैसे ही रेलवे स्टेशन पहुँचा, पता चला 9:45 की लोकल जा चुकी है !मेरे घर से तकरीबन 9 .कि.मि. दूर पर है रेलवे स्टेशन, छोटा सा स्टेशन है,लोकल ट्रेन के अलावा 1-2 एक्शप्रेस ट्रेन की भी स्टोपीज़ है, मैं स्टेशन मास्टर के पास गया और पूछा सर बनारस के लिए कोई ट्रेन है ! स्टेशन मास
ऑटो स्टैंड से दौड़ता हुआ , मैं जैसे ही रेलवे स्टेशन पहुँचा, पता चला 9:45 की लोकल जा चुकी है !मेरे घर से तकरीबन 9 .कि.मि. दूर पर है रेलवे स्टेशन, छोटा सा स्टेशन है,लोकल ट्रेन के अलावा 1-2 एक्शप्रेस ट्रेन की भी स्टोपीज़ है, मैं स्टेशन मास्टर के पास गया और पूछा सर बनारस के लिए कोई ट्रेन है ! स्ट
" नववर्ष मंगलमय हो " " हमारा देश और समज नशामुक्त हो " नशा जो सुरसा बन हमारी युवा पीढ़ी को निगले जा रहा है ,
इंटरव्यू में आपसे एक सामान्य सवाल पूछा जाता है कि अन्य लोगों में आप सबसे महत्वपूर्ण बात क्या देखते हैं? जिसका सामान्य तौर पर उत्तर आता है: चरित्र विशेषता। इस सवाल का जवाब ईमानदारी, हास्य, आत्मविश्वास, करिश्मा आदि भी हो सकता है।इस लेख में ऐस
बहुत सारे लोगों का मानना है कि जीवन का मात्र एक ही उद्देश्य है और वो है खुश रहना। क्योंकि सभी लोग दर्द और कठिनाई से गुजरते हैं और सोचते हैं किसी भी तरह से खुशी हासिल करना है। वास्तव में, यदि आप अपने चारों ओर देखते हैं, तो पाते हैं कि अधिकांश लोग अपने जीवन में खुशियों का
निहित स्वार्थ वाले लोग किसी विश्वास को बनाने या कायम रखने के लिए एक ऐसा आवरण बनाते हैं, जिससे आप महसूस करते हैं कि किसी खास खास वस्तु या सेवा से आपके जीवन में रोचक परिवर्तन आ सकता है। मार्केटर्स हर साल आपको यह समझाने के लिए अरबों डॉलर खर्च करते हैं कि आप उनके इंडस्ट्री का
एक और साल अपने नियत अवधि को समाप्त कर जाने को है और एक नया साल दस्तक दे रहा है। बस, एक रात और कैलेंडर पर तारीखे बदल जायेगी। दिसम्बर और जनवरी महीने की कुछ अलग ही खासियत होती है। कहने को तो ये भी दो महीने ही तो है पर साल के सारे महीनो को बंधे रखते है। दोस
लेख, "वृद्धाश्रम की उपयोगिता: क्यों : कारण और निदान"भारतीय परिवेश और भारतीयता अपने दायित्व का निर्वहन करना बखूबी जानती है। जहाँ तक आश्रमों की बात है अनेकों आश्रम अपने वजूद पर निहित दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं जिसमेँ गृहस्ताश्रम, पथिकाश्रम, शिक्षाश्रम, बाल आश्रम, विधवा आश्रम, वृद्धाश्रम, अनाथ आश्र
देवरहा बाबा के बहानेविजय कुमार तिवारीजब हम एकान्त में होते हैं तो हमारे सहयात्री होते हैं-आसपास के पेड़-पौधे। वे लोग बहुत भाग्यशाली हैं जिन्हें ऐसी अनुभूति होती है। मेरा दुर्भाग्य रहा कि मुझे पूज्य देवरहा बाबा जी का दर्शन करने का सुअवसर नहीं मिला। साथ ही सौभाग्य है कि आज मैं उन्हें श्रद्धा भाव से या
हम अपने दैनिक जीवन में साहस के गुण पर अधिक ध्यान नहीं देते हैं। यह गुण सैनिकों, अग्निशामक वर्कर और कार्यकर्ताओं के लिए आरक्षित माना जाता है। साहस से ज्यादा हमें सुरक्षा पर ध्यान देने के लिए बचपन से सिखाया जाता है। शायद यह आपको बहुत बोल्ड या
प्रसिद्ध स्पेनिश चित्रकार Bartolome Esteban Murillo के 400 वीं जयंती पर Google ने उनके सम्मान में आज का डूडल उन्हें समर्पित किया। Google पेज पर जानकारी के मुताबिक, बार्टोलोमे(Bartolomé Esteban Murillo hindi Bartolomé Esteban Murillo artworks) एस्टेबान मुरिलो ने स्पेनिश कल
प्राथमिक शिक्षा देश के विकास से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। बिना शिक्षित किये आप किसी व्यक्ति से देश की प्रगति में सक्रिय सहयोग की अपेक्षा ही नहीं कर सकते हैं। अनपढ़ और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के वेहतर जीवन के लिए ही सरकार को टैक्स से प्राप्त धन का बड़ा हिस्सा खर्
अगर तुम 'ऐसे' हो तो देश छोड़ दो अगर तुम वैसे हो तो देश छोड़ दो!अगर तुम 'यह' खाते हो तो देश छोड़ दो अगर तुम 'वह' खाते हो तो देश छोड़ दो!अगर तुम 'अलग' तरह की सोच रखते हो तो देश छोड़ दो और अगर 'किसी खास तरह की सोच से इत्तेफाक नहीं रखते' तो देश छोडकर चले जाओ!सच कहा जाए तो देश छोड़ने की बात आज-कल इतनी कै
अजीब विरोधाभास है शब्दों में। अजीब द्वंद्व है शब्द भरोसे में, विश्वास में, आस्था में, घृणा में, प्रेम में। दरअसल शब्दों का कार्य है एक खास तरह के विचार को प्रस्तुत करना। किसी मनःस्थिति, परिस्थिती, भाव , वस्तु , रंग, दिशा, दशा, जगह, स्थान, गुण, अवगुण इत्यादि को दर्शाना। शब
टी वी पर आज पीके पिक्चर आ रही थी । पहले एकबार पूरी पिक्चर देखी थी। आज जब टी वी खोला तो शंकर भगवान के वेश में एक नाटक के कलाकारकी हीरो आमिर खान द्वारा छीछालेदार हो रही थी। हमने बहुत लिबरल होने की कोशिश की लेकिन इस पिक्चर को पूरी पचा नहीं पाया। हर धर्ममें बहुत सी अच्छी बातें बताई जातीं कई । कुछ रूढ़िया
आपकी उपस्थिति से क्यों व्यक्ति स्वयं के दुःख भूल जाये यही आपकी उपस्थिति के सार्थकता है/