भारत के इतिहास में कई महान संत हुए हैं जिन्होंने अपने जीवन में कविताओं के जरिए लोगों के दिलों में जगह बनाई। मगर संत कबीरदास की रचनाओं का कोई जोड़ नहीं था। वे एक आध्यात्मिक कवि थे जिन्होंने अपनी रचनाओं से हिंदी साहित्य को बदल दिया था और मुस्लिम होकर भी उन्होंने अपने जीवन को हर धर्म के रूप से ढाला और हर किसी के लिए अपनी रचनाओं में जगह दी। कबीर पंथ एक विशाल समुदाय है जिन्होंने संत आसन संप्रदाय के उत्पन्न कर्ता के रूप में बताया है।
कबीर दास से जुड़ी कुछ बातें-
14वीं शताब्दी में जन्में कबीरदास के जन्म स्थान के बारे में ठीक से कुछ भी ज्ञात नहीं है लेकिन ज्यादातर लोग उनका जन्मस्थान काशी बताते हैं. जिसकी पुष्टि खुद कबीरदास जी अपने कथन में करते थे। कबीर दास जी भारत के रहस्यवादी कवि और संत थे जिनके बारे में पूर्णरूप से नहीं पता है और हिंदी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक भी इन्हें ही माना जाता है। इस्लाम में कबीर का अर्थ महान होता है और वे अपने दोहों में अक्सर अपने नाम का प्रयोग भी करते थे। उनके माता-पिता कौन थे इस बारे में कुछ भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है लेकिन ऐसा बताया जाता है कि उनकी परवरिश बहुत ही गरीब मुस्लिम बुनकर परिवार में हुई थी। कबीर बहुत ही धार्मिक व्यक्ति थे और उन्हें महान साधू बताया जाता है वे अपने प्रभावशाली परंपरा और संस्कृति से उन्हें पूरे विश्व में प्रसिद्धि मिली है। कुछ इतिहासकारों के मुताबिक, कबीर दास जी ने धार्मिक शिक्षा रामानंद नाम के एक गुरु से ली थी और वे गुरु रामानंद के अच्छे शिष्य के रूप में जाने जाते थे।
वराणसी में संत कबीक की कई तस्वीरें हैं और बताया गया है कि नीरूटीला में उनके माता-पिता का घर था जिसका नाम नीमा था। अब ये घर विद्यार्थियों और अध्येताओं के ठहरने की जगह बन चुका है। हिंदू धर्म इस्लाम के बिना छवि वाले भगवान के साथ व्यक्तिगत भक्तिभाव के साथ ही तंत्रवाद जैसे उस समय के प्रचलित धार्मिक स्वभाव के द्वारा कबीर दास के लिए पूर्वाग्रह हुआ करता था। कबीर के अनुसार हर जीवन के दो धार्मिक सिद्धांत होते हैं मोक्ष के बारे में उनका विचार हुआ करता था कि इन दो दैवीय सिद्धांतों को एक करने की प्रक्रिया होती है। उनकी महान रचनाओं बीजक में कविताओं की भरमार होती है जो कबीर के धार्मिकता पर सामान्य विचार को स्पष्ट करता है। कबीर की हिंदी उनके दर्शन की तरह ही सरल हुआ करती थी जिसमें ईश्वर में एकात्मकता का अनुसरण हुआ करता है।
कबीर के दोहे - Kabir ke Dohe in Hindi
संत कबीर दास के दोहे गागर में सागर के समान हैं। आइये जानते हैं कबीर के कुछ सुप्रसिद्ध दोहे अर्थ सहित -