सफलताप्राप्ति के लिए क्या करेंअक्सर लोग इस बात पर मार्गदर्शन के लिए आते हैं कि उन्हें अपने कार्यों मेंसफलता प्राप्त नहीं होती, क्या करें इसके लिए ? कई बार लोग कहते हैं किहमारी जन्मपत्री देखकर कोई उपाय बताइये | हम उन सबसे यही कहते हैं कि भाईजन्मपत्री अपनी जगह है, प्रयास तो आपको स्वयं ही करना होगा |अन
ये वो काल है जो लोगों को उसकी वास्तविकता से अवगत कराया है ! कल्पना की उड़ान बहुत ऊँची होती है और ये इतनी ऊँची होती है कि लोगों का सोच उसी मनोदशा में जीना सीख लेती है ! जब कभी कल्पनाओं का आसमान उनके ऊपर से हट जाता है तो वो वास्तविकता को ढूंढने लग जाते
"सत्याग्रही हिंदी और विकास "हिंदी बढती लो बिंदी चढती और हमें सिखाती |समूह बना बोलियाँ मिलाती औ बाजार बढ़ाती ||हिंदी पर बात हो, भाषा पर विचार हो ऐसे में बाल गंगाधर तिलक को कौन भूल सकता है | उनहोंने कहा है कि-'मैं उन लोगों में से हूँ जिनका विचार है और जो चाहते हैं कि हिंदी ही राष्ट्र भाषा हो सकती है
🔴संजय चाणक्य " कलम सत्य की शक्तिपीठ है बोलेगी सच बोलेगी। वर्तमान के अपराधो को समय तुला पर तोलेगी।। पांचाली के चीरहरण पर जो चुप पाये जायेगे। इतिहास के पन्नों पर वो सब कायर कहलायेगे।।"देश के सबसे बडे सूबे मे कानपुर के डिप्टी एसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारा व पांच लाख का इनामी गैगेस्टर
अपनी भूलों से घबराएँ नहीं, उनसे शिक्षालेंहमारे पास किसी समस्या से त्रस्त होकर कंसल्टेशन के लिए जो लोग आते हैं तोकई बार वे प्रश्न कर बैठते हैं कि डॉ पूर्णिमा, हमने तो जीवन में कभी कोईभूल नहीं की – कभी कोई अपराध नहीं किया – फिर हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है ? कलभी कुछ ऐसा ही हुआ | किन्हीं सज्जन से फोन
Humayun’s TombFriends!from today on WOW India channel, we are going to start a new program – भारत भ्रमण – tour of India –with an executive member of WOW India, Sunanda Srivastava, who was an officerin archaeological department of India. Through this program we will give youthe information about vari
देवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी, विष्णु एकादशी,पद्मनाभा एकादशी हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्त्व है| प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशी होती है, और अधिमास हो जाने पर ये छब्बीस हो जाती हैं | इनमेंसे आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है | साथ ही आषाढ़ मास में होने के कारण इसे आषाढ़
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है. हर साल इस 'त्यौहार' की कोई ना कोई थीम रख दी जाती है और इस बार अर्थात 2020 की थीम है 'घर में योग'. कोरोना के साइड इफ़ेक्ट कहाँ नहीं पहुंचे!पिछले बरसों में क्रम यूँ था:योग दिवस 2015 की थीम थी - सामंजस्य और शांति,योग दिवस 2016
मानसिक असन्तुष्टि और अशान्तिहमारा मन वास्तव में स्वयं को किसी न किसी रूप में अपूर्ण - अधूरा -असन्तुष्ट मानने के लिए स्वतन्त्र है । लेकिन क्या डिप्रेस होकर - स्वयं से अथवासमाज या व्यवस्था की ओर से निराश होकर आत्महत्या कर लेना ही इस समस्या का समाधानहै ? संसारतो पहले से ही नाशवान है, स्वयं उस दिशा में
🏵️🏵️🏵️लधुकथा: "माँ"🏵️🏵️🏵️यह एक ममतामयी बेबस माँ कीदर्दनाक लधुकथा का एक अंशमात्र हैमाँ कोई न कोई बहाना खोजती रहती है कि कैसे भी हो, अपना पेट काट कर बच्चे को दो निवाला अधिक खिला दे बस? दो कौर अधिक खाले, एतदर्थ आँचल में छुपा लेती है एक-आध रोटी और-अतिरिक्त फुसला-उसला कर, इधर-उधर बच्चे का ध्यान बंट
जीवन में वास्तविक रूप से सफल व्यक्ति कीपहचानजीवन संघर्षों का नाम है | संघर्षों से लड़ते हुए जो व्यक्ति बिना धैर्य खोएआगे बढ़ता रहता है वही व्यक्ति जीवन में सफल होता है - अपने लक्ष्य को प्राप्त करताहै | जो व्यक्ति संकटों और संघर्षों से घबराता नहीं, बाधाओं के उपस्थित होने पर अपना धैर्य नहीं खोने देता उस
मानसिक शान्तिमानसिक शान्ति - जिसकी आजकल हर किसी को आवश्यकता है - चाहे वह किसी भीव्यवसाय से जुड़ा हो, गृहस्थ हो, सन्यासी हो -विद्यार्थी हो - कोई भी हो - हर किसी का मन किसी न किसी कारण से अशान्त रहता है | और हम अपनी मानसिक अशान्ति का दोष अपनी परिस्थितियों तथा अपने आस पास केव्यक्तियों पर - समाज पर - मढ़
ज्ञानीऔर अहंकारी व्यक्ति में भेदविहायकामान्यः सर्वान्पुमांश्चलति निःस्पृहः |निर्ममोनिरहङ्कारः स शान्तिमधिगच्छति || श्रीमद्भगवद्गीता2/71जो व्यक्ति सभीइच्छाओं और कामनाओं के परित्याग कर निस्पृह भाव से कर्म करता है तथा जिसमें ममत्वऔर अहंकार नहीं होता वही शान्ति को प्राप्त होता है |दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क
परांठे पर टैक्स? वो भी 18%? ये तो सरासर अन्याय हो गया. सुबह नाश्ते में परांठा ना हो तो सारा दिन ऐसा महसूस होता है कि नाश्ता ही नहीं किया. कई बार तो परांठे का नाश्ता करने मूरथल भी हो आये. मूरथल ढाबों की तो शान है परांठा. पर जब अखबार पढ़ी तो पता लगा की खबर सही है. 'तैयार' या
आत्महत्या ही क्यों, समाधानक्यों नहीं कल एक बहुत ही टैलेंटेड कलाकार सुशान्त सिंह राजपूत के असमय निधन के विषयमें ज्ञात हुआ | आज भी एक समाचार ऐसा ही कुछ मिला कि द्वारका में किन्हीं IRS Officer नेअपनी कार में एसिड जैसा कुछ पीकर आत्महत्या कर ली इस भय से कि उनके कारण कहीं उनकेपरिवार को कोरोना का इन्फेक्शन
हम क्या हैंप्रायः हम अपने मित्रों से ऐसे प्रश्न कर बैठते हैं कि हमें तो अभी तक यहीसमझ नहीं आ रहा है कि हम हैं क्या अथवा हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है ? हम इसमाया मोह के चक्र से मुक्त होना चाहते हैं, किन्तु निरन्तर जाप करतेरहने के बाद भी हम इस चक्रव्यूह को भेद नहीं पा रहे हैं | समझ नहीं आता क्या करे
स्थापित लोगों के असंवेदनशील और गैर जिम्मेदाराना रैवये के खिलाफ ये लेख,मेरा स्वघोषित विद्रोह है।इनलोगों ज़िम्मेदारी कही ज्यादा होती है इसलिए बगैर सोचे समझे कुछ भी बोलने से बचना चाहिए।
स्थापित लोगों की असंवेदनशीलता,अहंकार और गैर जिम्मेदाराना रैवये के खिलाफ यह लेख मेरा स्वघोषित विद्रोह है।
लधुकथा लिखने बैठा पर विहंगम विषय एक मन में आ गहराया।सोचा कुछ हल्का- फुल्का लिख डालूँ,पर हटात् गहन विचार मन में आया।।🤔 🤔🤔🤔🤔🤔🤔 🤔"मन हीं कर्म का कारण है"-मन की चर्चा करते हैं।मन की गति की शुभफलाफलकारी दिशा वरते हैं।। 🏵️मन का स्वभाव और गति🏵️मृत्यु के समय जब तीनों वायु तन से निकलती हैं तब मन सं
Today WOW India had a session withMrs. Pramila Malik on Acupressure. Mrs. Malik is as trained practitioner andtherapist of Acupressure. She taught us acupressure for knee pain, blood pressure,back pain and to improve our eyesight. Mrs. Pramila Malik’s video and audiowere disturbed due to some Intern