जीवन में वास्तविक रूप से सफल व्यक्ति की
पहचान
जीवन संघर्षों का नाम है | संघर्षों से लड़ते हुए जो व्यक्ति बिना धैर्य खोए
आगे बढ़ता रहता है वही व्यक्ति जीवन में सफल होता है - अपने लक्ष्य को प्राप्त करता
है | जो व्यक्ति संकटों और संघर्षों से घबराता नहीं, बाधाओं के उपस्थित होने पर अपना धैर्य नहीं खोने देता उसी व्यक्ति की
सफलता की कहानियों को लोग युगों युगों तक याद करते रहते हैं |
"भय बाधा से हार मानकर आगे पीछे क़दम
बढ़ाना
यह इस पथ की रीत नहीं, ना कर्मयोगी का है यह
बाना |"
लेकिन सफलता किसी को भी यों ही प्राप्त नहीं हो जाती | सफलता
प्राप्ति के लिए तथा उस सफलता के अहंकार से बचने के लिए और विनम्र भाव से हर किसी
की सहायता करते रहने के लिए व्यक्ति में कुछ विशेष गुणों का होना भी आवश्यक है |
सबसे पहली आवश्यकता है सकारात्मक सोच | व्यक्ति की सोच सकारात्मक होगी तो
वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी साहस के साथ मार्ग बनाकर आगे बढ़ सकता है | साथ ही जो
व्यक्ति जीवन में सफल हो जाता है – जिसे कुछ उपलब्धि हो जाती है - ऐसे व्यक्ति का
दृष्टिकोण पूर्ण रूप से सकारात्मक हो जाता है | किसी प्रकार
की नकारात्मकता के लिए वहाँ कोई स्थान नहीं रहता न ही किसी दूसरे व्यक्ति की
आलोचना की सोच उसके मन में आने पाती है | अपितु अन्य
व्यक्तियों के समक्ष वह अपने प्रतिद्वन्द्वियों की भी हृदय से प्रशंसा ही करता है
| क्योंकि उस व्यक्ति के मन में समभाव – समत्व बुद्धि – आ जाती है |
व्यक्ति को बड़े से बड़े अवॉर्ड क्यों न मिल जाएँ उसकी योग्यताओं के कारण, कितनी भी
सम्पन्नता क्यों न प्राप्त हो जाए उसकी समझदारी और परिश्रम के बल पर, किन्तु यदि उसकी सोच में तनिक भी नकारात्मकता है - अहंकार है - दूसरों की
अस्वस्थ आलोचना (स्वस्थ भाव से की गई आलोचना व्यक्ति को भूल सुधार का अवसर प्रदान
करती है) करने का स्वभाव है - वह व्यक्ति बाहर से सफल होते हुए भी भीतर से बिल्कुल
रीता है - अपूर्ण है - असन्तुष्ट है |
इसके साथ ही आवश्यकता है कि व्यक्ति को समाधान बनने का प्रयास करना चाहिए न
की यह कि वह स्वयं ही समस्या बन जाए – समस्या का कारण बन जाए | जो व्यक्ति हर बात में
– हर परिस्थिति में केवल समस्याएँ ही देखता है उसे कोई भी बड़ा उत्तरदायित्व सौंपने
से बचता है | उसकी बातों को भी लोग गम्भीरता से नहीं लेते | जो लोग समस्या में भी
समाधान खोज लेते हैं वही प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होकर अपना लक्ष्य प्राप्त करते
हैं और सफल होते हैं तथा दूसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करते हैं | ऐसे व्यक्ति
दूसरों की समस्याओं का भी समाधान कर सकने में सक्षम होते हैं |
सफल व्यक्तियों का स्वभाव होता है कि वे सदा अपने कार्य का सम्मान करते हैं
तथा दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करते | क्योंकि जो व्यक्ति अपने कार्य
का सम्मान करता है कार्य भी उसका सम्मान करता है | साथ ही जो व्यक्ति दूसरों के
कार्यों में बिना कहे हस्तक्षेप नहीं करते दूसरे व्यक्ति भी उनका सम्मान करते हैं
और इस प्रकार उन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त करने में भी सहायता प्राप्त होती है |
साथ ही,
सफल व्यक्ति कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति के कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने का
प्रयास नहीं करते अपितु जितना सम्भव हो उस व्यक्ति को आगे बढ़ाने में उसकी सहायता
ही करते हैं |
और सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि – जैसा आरम्भ में ही लिखा है - सफलता की कामना करने वाला व्यक्ति धैर्य और उत्साह से परिपूर्ण होता है | अपनी स्वयं की भूलों से सीख लेकर साहस के साथ आगे बढ़ता है और सफलता का आनन्द उठता है | ऐसे सफल व्यक्ति अपने कथनों और कार्यों के माध्यम से बिना किसी स्वार्थ के दूसरों का भी धैर्य और साहस बढ़ाने में सहयोग देते हैं |