हज़ारों की भीड़ में एक दीवाना वो भी था.... उसके नफरत से वाकिफ एक अनजान वो भी था... सच्चाई से परे अपनी ही दुनिया में... अनकही लफ़्ज़ों का एक फ़साना वो भी था... तो सुनते है आपको उस अधूरे प्यार की बात... रोज़ तनहाइयों में कट रही थी उसकी अकेली रात... बताने से कतराता था...छुपाने स
चेतावनी इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है इसका किसी भी जीवित से कोई सम्बन्ध नहीं मैंने सिर्फ अपने मन में इन किरदारों को गढ़ा है तो कृपया कहानी पढने के बाद मुझसे इनके बारे में मत पूछिए नमस्ते दोस्तों मेरा नामे है अमर कुमार और मैं आप सब का स्वागत करता हूँ अपने इस लेख पर.
बहुत हुआ यह खेलम-खेलापूरी हो बिछड़न की वेला अब तो मेरी जान में करार रहने दे ; मेरे प्यार के उस रूप को साकार रहने दे || हो बहुत लिए हम दूर , अब सहा नही जाता मुझसे मुझ बिन जिन्दा नही रही वो , देखा कैसे जाता तुझसे सुन ले मेरी अर्जी एक बार रहने दे ; मेरे प्यार के उस रूप को साकार रहने दे ||गर मुस्काई ज
बिन तुम्हें बताए, मोहब्बत करते हैं तुमसेबिन तुम्हारा नाम लिए, मोहब्बत करते हैं तुमसेबिन तुम्हें देखे, मोहब्बत करते हैं तुमसेबिन तुम्हारे क़रीब रहकर, मोहब्बत करते हैं तुमसेबिन तुम्हारी आवाज़ सुने, मोहब्बत करते हैं तुमसेबिन तुम्हारी नज़रों में डूबे, मोहब्बत करते हैं तुमसेबिन तुम्हारे दिल में समाए, मोह
इस दुनिया मैँ दोलत कमाना बहुत आसान है लेकिन किसी के दिल में घर बनाना बहुत मुशकिल है मुझे जाय्दा तर्जुवा तो नही जिदगी का किन्तु अपनी उम्र के इन 19 वषों इतना तो समझ आया कि जितनी मोहब्बत अपनी मोहब्बत से की उसकी अगर आधी भी मोहब्बत मैँ अपने माँ बाप से करता तो शायद मुझे जन्नत नसीन होती पर अब शायद उन लावा
मेरी अब तक की सबसे बेस्ट स्टोरी मैँ से एक "wrongcall" का कुछ अंश आपके लिये लिख रहा हूँ ;"मोहब्बत ऐक ऐसे नशे की तरह जिसकी एक बार लत पढजाये तो उसका नशा जाके उतरता है या तो "शराब केमहखाने मैँ"या फिर"आँशुओँ के पैमाने मैँ""मोहब्बत को हम बेबफा पत्नी की तरह तलाकभी नहीँ दे सकते , मोहब्बत तो हमेँ बुढापे के ह