क्यों यह गलियां सोई पड़ी हैं।
क्यों यह वीरान सुनसान पड़ी है। लगता
तुम सिर्फ चुनाव लड़ो महामारी से लड़ने की जिम्मेदारी हमारी तुम सिर्फ चुनाव जीतो
4) " इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
"घने अंधकार को चुनना काफ़ी आसान है !!
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मैं हूं एक आम आदमी की डायरी जो हमेशा लोगों से छिपा कर लिखी जाती है।
जब किसी का बहुत अरमानों से बनाया हुआ घर शहर दहशतगर्दी के कारण छोड़ना
"हिन्दी दिवस और हिन्दी भाषा की आज की दशा और यथार्थ और राष्ट्र भाषा के पद के लिए उसका संघर्ष"