🌷🌷🌷ये छोटी _छोटी आंखे भी कितने राज छुपाए होती हैं..............................चाहें खुशी के हों आंसू.................... चाहें गम के हों दोनों ही एक जैसे होते हैं................!!!!🥀💔🍂🍂�
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::समय बहुत अनमोल रे मनवा,हर घड़ी का सम्मान करें हम ,समय की धार में बह बह जाए,नही इनका तिरस्कार करे हम।कितने भी विपरीत हो घड़ियां,नही तनिक दुखों का भान रहे,हर एक
दिल को बहलाने की सजा मांगते हो क्या? जान को जान कहने की आज्ञा मांगते हो क्या? छोड़ो यह बातें अब इश्क की पुरानी ,जख्मों से दर्द की दवा मांगते हो क्या?
शब्दों के पंख अगर होते,नहीं होता दुनिया में शक,नहीं होता दुनिया में असमंजस,ना चिठ्ठी होती,ना पत्र होते,मेरी प्रियशी को मन कुछ बात बताते,मैं क्यों झेलता उससे जुदाई,जब मन होता उड़कर मेरे मन की बात सुनात
भूखे हैं पेट भोजन को तरसती जिंदगी,चुनती है कचरे से खाना यहां जिंदगी।।प्यासे हैं मरूस्थल में तड़पती जिंदगी,एक बूंद जल की उम्मीद बांधे जिंदगी।।तमन्ना है उड़ने की पंख उगाने की हिम्मत नहीं,आसमान की तरफ उम
हर मुस्कुराहट के पीछे, दर्द की लम्बी कहानी होती है ।हर आँसू छिपाना पड़ता है, हर चीख दबानी होती है ।।यूँ ही नहीं लिख जाता नाम इतिहास में;मेहनत की कलम और खून-पसीने की स्याही बनानी होती है ।।
बात सही लगे तो हां जी हां जी करना बस यही करने मुझे नौकरी में न आया खुदा की मर्जी अगर हुई तो छोड़ देंगे नौकरी लेकिन जबरदस्ती हा जी हां जी न करेंगे ....
गम क्या कुछ गम हैजो अब तक छुपाये बैठे होकह दो न इनमे,क्यों मुस्कराये से तुम बैठे होशायद अब यह चाहमेरी अब यह पसंद बन गयी हैकवि न होते हुए , अब मै कविवर बन गया हुक्या है दिल में,दिल से यही एक आवाज
दुनिया की कोई ऐसी रीती रिवाज नहीं है जो मुझे मेरे मंजिल से रोके वहा जाने सेमैं कोई ऐसा वैसा नहीं जो पैर कही पर रख दू .मैं खुद का दीवाना हु जो आग में भी जलकर चल सकता हु !!!
तुम मिली मैं मिला खुदा ने मिला दियाये सौभाग्य मेरा है की तुम मुझे मिलीवरना दुनिया मुझे झेल पाए ऐसी कोई पैदा भी न हुई अब तकसुनो मेरे दिल की धड़कनो को आए मेरे सनम ,तुम मेरे हो तो समझ जाओगे गर किसी के और
कितनी अजीब है न ज़िन्दगी ,कितनी गरीब है न ज़िन्दगीकितने सौक कितने रिश्ते रुस्वा किये है हमनेये तो हमी से पूछो हाल आए दिल सनम !!
तुमसे बात न करू तो गुनाह मेरा होगाअजब सी है मुस्कान तुम्हारी जो रंग ला देती हैथक गया था ज़िन्दगी से मैं जब तुम मुझे मिलेखिल सी गयी ज़िन्दगी मेरी जब से साथ आप हो .....!!
भूलेभूले भूले हम भूले भूल चुके है जगभूले मगर पराये भूले भूल चुके है हम अपनेइन पैसे मोह माया ने भुला&
मैंने देखा है लोगो को बेटी की शादी में कर्जदार होते लेकिन मैं तो खुद की शादी में कर्जदार हो गया ....
हमदमआ जाओ आ जाओ मेरे पास मेरे हमदमआ जाओ आ जाओ मेरी सांसों में बिखर जाओबन के रूह मेरे जिस्म में उतर जाओआ जाओ आ जाओ मेरे पास मेरे हमदमकिसी रात सर रख कर सो जाऊ तेरी गोद मेंफिर उस रात के बाद कभी सुबह न हो
तुम नाराज न होनादुनिया रूठे लेकिन तुम नाराज न होनातुम नाराज न होना मेरी पहली मोहब्बत हो तुमइस तरह मुझसे नाराज न होना ,मैं रुठु हर बार मना तुम लेना मुझकोलेकिन दुनिया रूठे मुझसे तुम नाराज न होनामेरी ज़िन
मेरी मान मेरी धड़कनचिलम के अंगारे जैसे तेरे गुलाबी होठ ,इंद्रा धनुष के रंग जैसे तेरे गाल ,सुराही में पानी छलकता जैसे तेरी कमर ,आस्मां में चमकते सितारेजैसे तेरे बाल ,मुस्कान तेरी जैसे सुबह के सूरज का नि
मेरी जिंदगी में आने वाले, हर शख्स का शुक्रिया।दर्द जिसने भी दिया,बेशुमार दिया।। -संध्या यादव "साही"
"द्वेष ईर्ष्या भरी पड़ी है,इस दुनिया के मैले में। बिकती है सस्ती बहुत,मिल जाती है धैले में। लम्बी लाइन लगी है यहां पर, जो खत्म कभी ना हो
वेलु नामका एक छोटासा तालुका, आसपास जंगल का ईलाका वहाँ सबकुछ था! था! हा था! एक सिनेमा टाकी. एक नगर परिषद, एक इतिहास कालीन छोटा कॉलेज कॉलेज में बहोत से पेड़, पौधें.अनेक वृक्ष वो सब कॉलेज