प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवन पूजन और वैदिक मंत्रोचार के बीच रविवार को नया संसद भवन देश को समर्पित किया। विपक्ष के बहिष्कार के बीच उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ अनुष्ठान के बाद नई संसद भवन में पवित्र सैंगोल को भी स्थापित किया। प्रधानमंत्री जी ने कहा नया भवन विकसित भारत के संकल्प को साकार करेगा जो अन्य देशों को प्रगति के लिए प्रेरित करेगा। या आप निर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी भी बनेगा। ये है महज इमारत भर नहीं बल्कि 140 करोड़ भारत वासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। ये विश्व को भारत के दर संकल्प का संदेश देता है। यह योजना को यथार्थ से नीति को निर्माण से इच्छा शक्ति को क्रिया शक्ति से संकल्प को सिद्ध से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा। यह नूतन और पुरातन के सह अस्तित्व का भी आदर्श होगा ।
यह नया संसद भवन अखंड भारत के अलग-अलग हिस्सों की विविधता को समाहित किए हुए हैं। इसमें विरासत है वास्तु भी है कल और कौशल भी है संस्कृति भी है और संविधान के स्वर भी हैं। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर तो राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पुष्प कमल पर आधारित है।नई संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। विश्वास है कि दिव्य भवन जनशक्तिकरण के साथ राष्ट्र की समृद्धि व सामर्थ्य को नई गति व शक्ति प्रदान करेगा।
संसद का यह भवन भारत के विकास से दुनिया के विकास का एवं करेगा। 21वीं सदी का भारत बुलंद हौसलों से भरा हुआ है।
हम विश्वास करते हैं की नई संसद भवन नए भारत की आकांक्षाओं को साकार करें। ये भारत के लिए गौरव का क्षण है।
(©ज्योति )