हर वर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है ।इस वर्ष भी 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है ।जिसकी थीम है इन्वेस्ट इन प्लेनेट इसका अर्थ है अपने ग्रह में निवेश।
इस समय पृथ्वी हम से 5 तरह के निवेश की मांग कर रही है पहला प्लास्टिक का उपयोग घटाना दूसरा पेड़ पौधे लगाना तीसरा पर्यावरण के प्रति सक्रियता बढ़ाना चौथा पर्यावरण के मुद्दों को मुख्यधारा की राजनीति में लाना और पांचवा रोजमर्रा की जिंदगी में ज्यादा से ज्यादा टिकाऊ वस्तु का इस्तेमाल करना।
आज मौसम में चेंज हो रहा है पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। कार्बन की मात्रा लगातार बढ़ने से हमारे ग्लेशियर पिघल रहे हैं। जल प्रदूषण से बीमारियों की संख्या बढ़ रही है।
अत्यधिक गर्मी से अनाजों की पैदावार कम हो गई है जंगलों में आग लग गई है। प्राकृतिक आपदाओं से पृथ्वी आहत है ऐसे में जरूरत है पर्यावरण संरक्षण की। एक सर्वे के अनुसार भारत को अगले 5 वर्ष में वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से लड़ने के लिए 4000000000 पेड़ लगाने की जरूरत है। पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण संबंधी चिंताओं के प्रति जागरूक रहना पर्याप्त नहीं बल्कि हमें सक्रिय भागीदार बनना पड़ेगा। केवल पृथ्वी दिवस और पर्यावरण दिवस मनाने से कुछ नहीं होगा जब तक हम स्वयं इस धरा पर हो रहे प्रदूषण को कम करने के लिए खुद से संकल्पित नहीं होंगे तब तक कुछ नहीं होगा। हमें स्वयं को बदलना पड़ेगा वरना आगामी पीढ़ियों को हम क्या दे पाएंगे। कभी कोरोना से लड़ेंगे, कभी प्राकृतिक आपदाओं से। अतः जरूरत है अपने आप में बदलाव लाने के लिए। हर व्यक्ति अगर यह निश्चय कर ले की वह स्वच्छता रखेगा कूड़ा नहीं फैल आएगा और पेड़ों से पृथ्वी को हरा भरा बनाएगा। तो निश्चय ही हमारी समस्याओं का समाधान स्वयं हो जाएगा। प्रकृति के साथ प्रकृति के सानिध्य में अगर हम अगर हम प्रगति करें तो पृथ्वी दिवस मनाना सार्थक होगा।
(©ज्योति)