हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य मलेरिया जैसी घातक बीमारी के नियंत्रण में तत्काल कार्रवाई करना है। भारत में भी हज़ारों लोग हर साल मच्छरों से होने वाली बीमारियों का शिकार होते हैं, जिनमें से एक मलेरिया भी है।विश्व मलेरिया दिवस का मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है। यह दिवस मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने, उसके निवारण और नियंत्रण के लिए मनाया जाता है। प्रत्येक साल विश्व मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करने के विश्वव्यापी प्रयासों को मान्यता देता है। विश्व स्तर पर, कुल 106 देशों में 3.3 बिलियन लोगों को मलेरिया का खतरा है।
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। मादा एनोफिलीज मच्छर अपनी लार के माध्यम से प्लास्मोडियम परजीवी फैलाती हैं, जो मलेरिया का कारण बनता है।
हालांकि, इस बीमारी का बचाव और इलाज दोनों संभव है। दुनिया के कई देश लगातार इस पर काम कर रहे हैं। साल 2000 से 2014 के बीच, दुनिया भर में मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या में 40% की गिरावट आई है। जिसका मतलब है कि लाखों लोगों की जान बचाते हुए मलेरिया के खिलाफ ऐतिहासिक प्रगति हो रही है।
जरूरत है की हम मलेरिया जैसी बीमारी की संपूर्ण रोकथाम करें। इसके लिए मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है। स्वच्छता, मलेरिया के रोकथाम के उपाय अपनाकर ही हम विश्व से इस बीमारी को दूर कर सकते हैं। और तभी विश्व मलेरिया दिवस मनाना सार्थक है।
(©ज्योति)