सिविल सेवा की परीक्षा में इस साल भी, फीमेल्स ने टॉप 3 रैंक पर कब्जा जमाया है। टॉपर लिस्ट देखें तो इशिता किशोर ने AIR 1 हासिल की है। इसके बाद गरिमा लोहिया दूसरे नंबर पर और उमा तीसरे नंबर पर रही हैं। वहीं, चौथे नंबर पर स्मृति मिश्रा रहीं हैं।
इस परीक्षा के रिजल्ट इतने अच्छे हैं और लड़कियों ने कई स्थानों पर अपनी प्रतिभा मेहनत से दुनिया को दिखा दिया है कि वे किसी से कम नहीं। मौका मिले तो वो जिंदगी की हर जंग जीत सकती हैं। हर मुकाम हासिल कर सकती हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए भी अच्छा संकेत है। पर पर अभी भी ये दुख का समय है की हमारे यहां बहुत सी लड़कियों को आगे बढ़ने मौका नहीं मिलता। वे पढ़ना चाहती हैं पर सुरक्षा या दूरी होने के कारण अभिभावक गांव में उन्हें दूर पढ़ने नहीं भेज पाते। और वे लड़कियां अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं। आज यूपीएससी का रिजल्ट देखती हूं तो लगता है कि यह लड़कियां शायद उन अभिभावकों को भी जागरूक कर पाए जो लड़कियों को ज्यादा पढ़ने के पक्ष में नहीं है। जहां लड़कियां बोझ हैं और उनसे पक्षपात का व्यवहार किया जाता है। विश्वास करती हूं शायद समाज में चेंज हो तथा जब लड़कियां ऊंचे पदों पर जाएगी तो समाज में उनका स्तर तो बढेगा ही बल्कि और लड़कियों को भी आगे आने का मौका मिलेगा। सभी अभ्यर्थियों को जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा को उत्तीर्ण किया है बहुत-बहुत शुभकामनाएं। विश्वास करती हूं की समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए वे काम करेंगे। एक छोटी सी कविता जो मैंने लिखी है। यह है
मुझे मत रोको
उड़ने दो आकाश में
नहीं कांटो मेरे पंखों को
बात करने दो गगन से
मैं आजाद पंछी हूं
मुझे आजाद ही रहने दो।
मत डालो बेड़ियां मेरे पैर में
मैं लहूलुहान हो जाऊंगी
फिर कैसे मैं गगन को नाप पाऊंगी
मैं आजाद पंछी हूं
मुझे आजाद ही रहने दो
नहीं चाहिए मुझे सोना ,चांदी
नहीं चाहिए मुझे हीरे मोती
मुझे उड़ने दो बस उन्मुक्त गगन में
करने दो बातें सितारों से।
उड़ने दोगे जब तुम मुझे
तब मैं परी बन जाऊंगी
कल्पना की तरह अंतरिक्ष में उड़ान भरूंगी
मदर टेरेसा की तरह प्रेम लुटाऊंगी।
बनकर लक्ष्मी बाई रण में
अपना शौर्य दिखाऊंगी।
उड़ने दो मुझे उन्मुक्त गगन में
गिरने का डर मत दिखाओ
मैं हर समस्या से लड़ लूंगी
बस मुझ पर इतना विश्वास दिखाओ।
(©ज्योति)