।।मौसम कार्यालय ने मछुआरों को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में रविवार से 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी दी है। मौसम कार्यालय ने कहा, जो लोग बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में हैं, उन्हें 7 मई से पहले सुरक्षित स्थानों पर लौटने की सलाह दी जाती है।बंगाल की साउथ-ईस्ट बे और बंगाल की ईस्ट मिड वे और अंडमान सागर के आस-पास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती तूफान के और तेज होने की संभावना है. सोमवार को साउथ ईस्ट बंगाल की खाड़ी और इससे सटे साउथ अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना है और मंगलवार को इसके उग्र होने के आसार हैं.मौसम के उलटफेर के बीच एक और खबर लोगों को परेशान करने वाली आई है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि 12 मई के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने के आसार नजर आ रहे हैं इसलिए अगले 48 घंटों में मौसम का उलटफेर उड़ीसा और बंगाल के बीच देखने को मिल सकता है क्योंकि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एक लो प्रेशर एरिया प्रबल हो सकता है। मौसम विभाग इस पर नजर बनाए हुए हैं।बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती मोचा तूफान अगले दो दिनों तक पूर्णिया पहुंच सकती है. मौसम विभाग की माने तो यह यहां भी तबाही मचा सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक के अनुसार बंगाल की खाड़ी से उठ रहे मोचा चक्रवात तूफान 10 मई से बंगाल के सटे राज्यों में 130 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार तेज हवा के साथ भारी तबाही मचा सकता है. लेकिन पूर्णिया में 13 और 14 मई को मोचा तूफान दस्तक दे सकता है. यहां पर 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलने की आशंका जताई गई है. इससे तबाही की आशंका बनी हुई है.।आईएमडी की ओर से लैंडफॉल को लेकर भी जानकारी साझा की गई। जिसमें कहा गया है कि अभी भारत के तट पर लैंडफॉल यानी कि तूफान के जमीन के ऊपर से गुजरने को लेकर पहले से कुछ नहीं कहा जा सकता है। डीजी मृत्युंजय महापात्रा कहा कि मछुआरों 7 मई से समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है। ओडिशा तट के लिए कोई अलर्ट इसलिए जारी नहीं किया गया। क्योंकि संभावित असर के बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं है।