दूर रहते हुए भी नज़दीकियों को कैसे जीना है यही प्रेम है और इसे हम सोमांकित नामक इस पुस्तक में हम जानेंगे। ये एक सच्ची घटना है जिसमें राज्यों में विभिन्नता होने के बावजूद फिर भी दोनों में इतना प्यार है कि मानो दोनों 1135 किलोमीटर की दूरियाँ खत्म कर साथ
एक रहस्य भरी कहानी
कुछ अनकहे से एहसास.. दिल से दिल तक ❤️
उलझनें रिश्तों को कमजोर कर देती हैं लेकिन ये होती क्यों है इस पर गौर करें तो बात एक दूसरे को समझने और अपनी बात समझाने पर आकर रूक जाती है,,, अच्छे खासे रिश्ते एक छोटी सी गलतफहमी पर टूट जाते हैं टूटने और बिखरने का सफर इतना दर्दनाक होता है कि कई बार
यह पुस्तक केवल ज्ञान को दर्शाता है इसका केवल यही मतलब है
आधुनिक युग मेंं जहां आदमी काम के बोझ से अपनी जिंदगी जी नहीं पाता और जहां प्यार मुहब्बत के लिए कोई जगह नहीं । शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये नित नया मर्द या लड़की मिल जाये और वीकेंड पर एक शानदार पार्टी हो जाये । समाज में बड़ा नाम, प्रतिष्ठा और पैस
इसके माध्यम से मैं मेरे जीवन की उन यादों का अपने शब्दों के माध्यम से रचित करना चाह रहा हूं जो मुझे मेरी जिंदगी में हल्की हल्की सी याद आती है। जब उन संस्कारों के खिलाफ कुछ भी होता है तो मुझे उन पलों की यादें आने लगती है और मैं उन समय के लोगों को याद क
श्री गणेश जी की कृपा से मैंने इस किताब में अपने कुछ विचार और ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व आदि पर रचनाएं लिखी हैं...
सौ में एक मेरी कविता शाहीन बाग दिल्ली कुछ कहती है मेरा दूसरा कविता-संग्रह है. जिसमें 100 कविताएं ली गयी हैं. मेरा पहला कविता संग्रह 2019 में आधी-दुनिया प्रकाशित हो चुका है. कविता मेरे लिए एक फोटोग्राफी की तरह है-जिसमें हमारे आसपास जो घटित हो रहा है
धरोहर एक किस्सा संग्रह है। पहले गांव में लाइट नहीं होती थी तो ढ़लते सूरज की छांव में ही भोजन कर लिया जाता था और अंधेरा होते होते सब सोने की तैयारी करने लगते थे तब शुरू होता था किस्सों का सिलसिला। उस समय यही मनोरंजन का साधन हुआ करते थे। किस्सों में उन
आखिर यह रामायण है क्या? इससे क्या सीखना है? इसका मनन क्यों करें? राजा दशरथ का अंजाने में श्रवण कुमार की हत्या करना, उनका श्रापित होना, कैकेयी का वचन, राजा दशरथ का अपने प्रिय पुत्र का मरणासन्न वियोग, राम का 14 साल का वनवास, लक्ष्मण का भाई प्रेम, उ
हम जो जीवन जी रहे है क्या उससे हम संतुष्ट है।हमने जो चाहा था वो हमे मिल गया भरपूर पैसा मनमाफिक पद व प्रतिष्ठा।क्या हम अब भी खुश है? हमने वो सफर पूरी कर ली जिसकी तलाश थी।मैं ऊन लोगो को पूछ रहा हूँ जिन्होंने सफलता पा ली अब वे अपने जीवन से संतुष्ट है।जब
मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के अहंकार से होने वाली पारिवारिक तबाही को दर्शाने की कोशिश की है औरत अहंकार में आकर दूसरों के साथ साथ अपना भी जीवन बर्बाद कर लेती है पर इसका अहसास उसे बहुत बाद में होता है तब कुछ नहीं किया जा सकता सिवाय पश्चाताप के
इस कहानी के माध्यम से मैने अपने प्रेम के बारे में अपने हृदय में उठने वाले भावों को व्यक्त किया है।जिसका सीधा संबंध मेरे जीवन से है। इस कहानी में मैंने उस बात का जिक्र किया है जो मैं अपने प्यार से कहना चाहता था किंतु कह न पाया।
रिश्तों की व्याख्या...! 'वक़्त'... आपने नाम तो सुना ही है। कितना निष्ठुर, कितना निर्दयी, कितना खुदगर्ज़ होता है। अपने ही चाल में मस्त मलंग बस चलता जाता है... चलता जाता है... चलता जाता है....। इस बेपरवाह अमूर्त प्राणी को कोई परवाह नहीं की इसके विशाल प
शब्दों की लड़ियां पिरो उन्हें भावों से अलंकृत कर खुबसूरत भावाभिव्यक्ति के साथ ख्वाहिशों के मुताबिक सजाती हूं और अपने पाठकों व प्रशंसकों के दिलों में जज्बातों को जगा उनके दिल को छूना चाहतीं हूं। बोलिए, आप सब मेरा साथ देंगे।अपना प्यार और दुलार हम पर लु
जवाहर नवोदय विद्यालय एक समुन्द्र की तरह है इसकी हर एक बुुंद की एक अपनी तुफानी कहानी है तो पेश है नवोदय की एक बुुंद यानी मेरी कहानी | जिसमे आपको मिलेगा हर नवोदयन के सफर का अनुभव और आप जान जायेंगे कि नवोदय क्यो हीरोज़ का स्कुल है| मैने नवोदय मे सब
यह उपन्यास मुख्यतः जादू टोना और तंत्र क्रिया पर आधारित है। दुश्मनी के कारण एक नाबालिग को किस तरह जादू टोना सिखाकर पूरे समाज को तंग किया जाता है यह आपको इस उपन्यास में पढने को मिलेगा। उपन्यास में कुल पन्द्रह अध्याय हैं।जिसमें निजी दुश्मनी
यह पुस्तक इस आशा और विश्वास के साथ लिखी गयी है कि काव्य संग्रह में निहित समस्त कविताएं हृदय की उन गहराइयों को स्पर्श करेगी जो मानव जीवन में मानवता का एहसास कराती है और लौकिक जीवन को पारलौकिक जीवन से जोड़ती है| यह सच है कि आज बदलते परिवेश में कविता क
मन की गठरी- ---------------- 'मन की गठरी'मेरी काव्य संग्रह की तीसरी कड़ी है।इस संग्रह में मन के कोने में पड़े विचारों को शब्दबद्ध कर उन्हें तर्कपूर्ण तथा संवेदनशील करके परोसने का प्रयास किया गया है।मन में विचार पैदा होते रहते हैं उनविचारों को लोगों क