कविता संग्रह
मैं निर्मल गुप्ता, एक नवीन लेखक अपने जीवन के अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में निखार कर कुछ सुन्दर कविता रुपी मालाओं का सृजन कर ,अपने प्रिय पाठकों के ह्रदय पर विराजमान करना चाहता हूं,जहां उनकी धड़कनें बसती है । ताकि वे एक नयी चेतना को प्राप्त कर मानवी
इस पुस्तिका में मेरे सामाजिक परिवेश की परिस्थियों से प्रभावित छः काल्पनिक कहानियाँ है । आशा है ये कहानियाँ आपको पसंद आएंगी ।
संजना एक सुंदर और स्मार्ट लड़की है ,वह पढ़ने में भी तेज है और अभी उसने फर्स्ट ईयर कॉमर्स में कॉलेज ज्वाइन किया है ,उसका एक दोस्त है वेदांत जो उस से उम्र में दो साल छोटा है और उसे दीदी कह कर संबोधित करता रहता है , दोनो वैसे हैं लोअर मिडिल क्लास फैम
'बहना तेरे प्यार में' ये कहानी दो बहनों के अथाह प्रेम को व्यक्त करती हुई कहानी है । दो बहनें नव्या और भव्या जो मैकेनिक पिता की बेटियाँ हैं । उनके पिता अस्वस्थ हैं और अपने पिता की अस्वस्थता के चलते उन्होनें दुकान चलाने का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया है औ
कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक ना
इस पुस्तक के माध्यम से आपको न सिर्फ अपनी आर्थिक स्तिथि का पता लगेगा बल्कि आपको उसको मजबूत करने के उपायों के बारे में भी पता लगेगा| मेरा यह मत है की इस दुनिया को कोई शक्ति चला रही है और इस पुस्तक के माध्यम से मैं उसी शक्ति की सहायता से आपकी आर्थिक स
यह कहानी दो बन्दरो की है जो अत्यंत शैतान थे उसकी शैतानी से पूरा जंगल त्रस्त था पर एक दिन उनको एक आम की गुठली मिलती है और वह आम के स्वप्न में खो जाते है । और सोचते है आम बड़ा होगा हम आम खायेंगे और बड़े बड़े स्वप्न । और वह उस गुठली को भूमि में गाड़ते है प
एक हादसा जिंदगी को उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है जहां से बदकिस्मती किस्मत में बदलनी शुरू हो जाती है।अनजाने रास्ते, अजनबी दोस्त, अकस्मात घटनाएं किसी की जिंदगी का रूख कैसे मोड़ देती हैं कि एक शख्सियत खाक से शाह हो जाती है। यह किताब एक अनजान शख्सियत
हर बार कहती है क्यों नहीं? तुम इस बार भी क्यों नहीं? अंधेरे से जो बिखरे हैं रोशनी का निशान क्यों नहीं? रातों की खामोशी को सुनने की मजबूरी चिड़ियों की आवाजों की छन छन क्यों नही? वक्त ने बांधी है मेरे दिल की उड़ान भी इस वक्त से लड़ने की ताकत क्य
जवाहर नवोदय विद्यालय एक समुन्द्र की तरह है इसकी हर एक बुुंद की एक अपनी तुफानी कहानी है तो पेश है नवोदय की एक बुुंद यानी मेरी कहानी | जिसमे आपको मिलेगा हर नवोदयन के सफर का अनुभव और आप जान जायेंगे कि नवोदय क्यो हीरोज़ का स्कुल है| मैने नवोदय मे सब
लोकोक्ति अथवा कहावत किसी भी कथन को सारगर्भित और प्रभावपूर्ण ढंग से संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी और इसकी बोलियों में संदेशपूर्ण और प्रेरक कहावत कहने की सुदीर्घ परंपरा है। यह किसी भी देश के संस्कृति, चिंतन और मूल्यों को भ
जिस्म में जो अहमियत ख़ून की होती है, कहानी में वो ही अहमियत इमोशन की होती है.
इक्कीसवीं सदी में भी कुछ नारियों के लिए कुछ भी नहीं बदला। बेशक कुछ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है, पर आज भी कुछ मर्दों के दिमाग में पितृसत्तात्मक वाली सोच पल रही है, जिसका खामियाजा कुछ स्त्रियाँ भुगत रही है। मेरी यह किताब उन्हीं महिलाओं को समर्प
यह किताब मनुष्य के दैनिक जीवन पर आधारित है जो वह क्रियाकलाप रोजमर्रा के काम में करता है ।वह बेहोश होकर ना जाने क्या क्या करता है ।कभी वर्तमान में तो कभी बीते कल में तो कभी भविष्य में ।खुद क्लिष्ट जीवन अपने लिये चुनता है या सरल जीवन वह अपना मालिक है प
🥀🥀🥀🥀अदादत बदल सी गई है.................अब वक्त के साथ अब हिम्मत नहीं होती..................किसी को अपना बनाने की........................!!!!🥀💔🥺 🍁🍁🍁🍁🍁🍁 🌹चलती जिंदगी में ठहरे हुए से हे हम 🌿यूं तो लोगों का मेला है 🌹पर तन्हा है हम 🌿यूं ना पूछो कितनो को
एक ही कॉलोनी में अपने-अपने परिवारों के दायरे में सीमित रहने वाले दो युवा बाहर किसी अनजान शहर में दोस्तों की तरह मिलते हैं और कहा है किसी शायर ने-‘‘एक मंजिल राही दो फिर प्यार न कैसे हो ?‘‘ इसी एक मंजिल की ओर दोनों के कदम उन्हें ले चलते हैं, धन-दौलत के
मैं तो अपनी कहानियों को एक आईना समझती हूँ , जिसमे समाज अपने आप को देख सके | मैं सोसाइटी की चोली क्या उतारूंगी जो पहले से ही नंगी है| उसे कपड़े पहनना मेरा काम नही है मैं काली तख़्ती पर सफेद चॉक इस्तेमाल करती हूँ ताकि काली तख़्ती और नुमाया हो जाए
सुरीली एक काव्य संग्रह है,इसमें कथा को कविता के रूप में प्रस्तुत किया गया है...
नारी जीवन के सफर जहा उसके जीवन में उतार चढाव अच्छा बुरा घटित होता है मान अपमान प्यार दुलार के अलग अलग रंग को जीते हुए नारी का जीवन व्यतीत होता है