तुम साफ साफ कह दो, तुम्हे किया चाहिए
इशारे तुम्हारे समझ ना पाएंगे
टूट के बिखरने की चाह नहीं है
इश्क में तुम्हारे उलझ ना पाएंगे
तुम्हारी बातों में फरेब है
तुम्हारे इरादों में छल हैं
इश्क तुम्हारा सच्चा नहीं है
हम तुम्हे कुबूल कर ना पाएंगे