तुम बिन जीवन जैसे, लगता गहरी खाई।
तेरे ही संग मैने, सपनो की डोर सजाई।
हर दुआ में मांगा है तुमको, तुझसे ही मेरी खुदाई।
साथ ये जीवन भर का, है हमारा तुम्हारा।
संग चलूंगी हर क़दम, वादा है तुमसे हमारा।
3 जून 2024
तुम बिन जीवन जैसे, लगता गहरी खाई।
तेरे ही संग मैने, सपनो की डोर सजाई।
हर दुआ में मांगा है तुमको, तुझसे ही मेरी खुदाई।
साथ ये जीवन भर का, है हमारा तुम्हारा।
संग चलूंगी हर क़दम, वादा है तुमसे हमारा।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D