तन्हाई भारी रात में,
जब कोई आने लगे याद।
चाँद में नज़र आये,
जब उसका चेहरा बार-बार।
कोशिश करने पर भी,
जब हम उसे ना भूल पायें।
बार-बार जब उसकी बातें याद आये,
हकीकत भी जब सपना लगने लग जाए।
हर घड़ी बस उसकी याद सताए,
बार-बार दिल उससे मिलना चाहे।
मन उसकी यादों में दुनिया को भूल जाये,
ऐसा तब होता है जब इश्क होने लग जाए।