बहुत देर से रुका हूं
तेरे आने की चाहत में
बहुत देर से रुका हूं
तुम्हें पाने की चाहत में ।
अब तो ख़त्म करो
इंतज़ार की घड़ी
अब तो स्वीकार करो
मेरे प्रेम की लड़ी।
इत्तेफाक से हम मिले थे
अब इसे इत्तेफाक न रहने दो
बहुत हो चुका
अब प्यार को बहने दो।