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सदाचार बेला (04-09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022

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भारत का अध्यात्म केवल चिन्तन का अध्यात्म नहीं है अपितु चिन्तनपूर्वक कर्म का अध्यात्म है और इसका व्यावहारिक स्वरूप श्रीमद्भगवद्गीता में देखना चाहिए l अध्यात्म और व्यवहार का तालमेल आवश्यक है l स्रष्टा और द्रष्टा दोनों बन जाना रहस्यात्मक भाव है l आचार्य जी ने विद्यालय में अध्यापन के समय का संघ के प्रचारक रहे श्री श्याम गुप्त जी से संबन्धित एक प्रसंग बताया जिसमें ॐ की महत्ता बताई गई थी l ॐ के उच्चारण से तन्त्रिका तन्त्र रक्त संचार व्यवस्थित होता हैl गायत्री मन्त्र से रोगी को लाभ होता है l अन्तर्जगत का पैसारा ही बहिर्जगत है l नचिकेता का वह गम्भीर प्रश्न क्या था और उसे क्या उत्तर मिला,अध्यात्म पूजा पाठ का विषय रह गया तो उससे क्या हुआ आदि जानने के लिए आज का उद्बोधन अवश्य सुनें अतिद्वय शिक्षक सोम्य दीक्षक अतुलनीय आशुकवि विलक्षण लेखक सत्यधृति विद्योपक्षेपक आचार्य श्री ओमशंकर त्रिपाठी जी का कहना है कि आप्तवचनाकर्णन ही पर्याप्त नहीं है अपितु आश्रुति के पश्चात् समाज को मार्गदर्शन देना, समय पर सेवा साधना विचार व्यवहार करना शौर्य ज्ञान प्रेम आत्मीयता प्रदर्शित करना आदि भी हमारे कर्तव्य हैं l तो और न देर करते हुए ज्ञीप्सा हेतु उद्ग्रीव श्रोता -कृत्स के समक्ष प्रस्तुत है |  

 

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रचनाएँ
सदाचार बेला (सितम्बर 2021)
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नियमों के अनुकूल किया गया काम ही सदाचार कहलाता है, जैसे—सत्य बोलना, सेवा करना, विनम्र रहना, बड़ों का आदर करना आदि। ये उत्तम चरित्र के गुण हैं। जिस व्यक्ति के व्यवहार में ये गुण होते हैं, वह सदाचारी कहलाता है। ... इस तरह सदाचार का अर्थ है अच्छा व्यवहार सदाचारी व्यक्ति में गुरुजनों का आदर करना, सत्य बोलना, सेवा करना, किसी को कष्ट न पहुँचाना, विनम्र रहना, मधुर बोलना जैसे गुण होते हैं।
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सदाचार बेला (1-09-2021 का उद्वोधन)

6 मार्च 2022
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प्रस्तुत है भक्तवत्सल दीक्षक आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज उद्वोधन :   स्थान : सरौंहां   सूचना : सरौंहां में आज कृषिक्षेत्र के विशेषज्ञ और महामन्त्री श्री मोहन कृष्ण जी आचार्य जी से भेंट करेंगे l  

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सदाचार बेला (02-09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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कल प्रयास केन्द्र सरौंहां में आई आई टी के अवकाशप्राप्त प्रोफेसर श्री सक्सेना जी कानपुर के एक उद्योगपति चतुर्वेदी जी आदि के साथ सिंचाई कृषि के प्रयोगों पर आचार्य जी की चर्चा हुई l इसका प्रबन्ध महामन्त्

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सदाचार बेला (03 -09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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प्रस्तुत है सोत्कण्ठ श्रोताओं के समक्ष आज का सौमेधिक आचार्य श्री ओम शंकर त्रिपाठी जी द्वारा शंसित नभोवीथी से प्राप्त निःस्वातीत उद्बोधन आचार्य जी ने आज अनुभूत भावों का सहारा लेकर सदाचार संप्रेषण किया

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सदाचार बेला (04-09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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भारत का अध्यात्म केवल चिन्तन का अध्यात्म नहीं है अपितु चिन्तनपूर्वक कर्म का अध्यात्म है और इसका व्यावहारिक स्वरूप श्रीमद्भगवद्गीता में देखना चाहिए l अध्यात्म और व्यवहार का तालमेल आवश्यक है l स्रष्टा औ

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सदाचार बेला (05-09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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का सौश्रवसानुरूपोद्बोधन ॐ का उच्चारण नहीं ॐ की अनुभूति होना मूल बात है लेकिन यह कठिन भी है मनुष्य के द्वारा ही कलियुग में सतयुग की परिकल्पना की जा सकती है जहां शिक्षार्थी और शिक्षक का सुस्पष्ट दृष्टिक

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सदाचार बेला (06-09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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प्रस्तुत है एक और औपनिषदिक आध्यात्मिक ज्ञान युक्त संपूर्ण संसार में विकार और विचार के प्रवाह चलते रहते हैं विचारों के प्रति आग्रही लोग विकारों को शुद्ध करने का प्रयास करते रहते हैं विकार का संरक्षण कर

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सदाचार बेला (07 -09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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प्रस्तुत है शुचिव्रत आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण बहुत दिनों से सदाचार संप्रेषण का क्रम इस कारण चल रहा है ताकि हम इस मानव चैतन्य जाग्रत शरीर से आनन्दमय कार्य और व्यवहार का प्रसार कर सकें

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सदाचार बेला (08 -09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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प्रस्तुत है इराश्रेष्ठ आचार्य श्री ओम शंकर जी द्वारा शंसित का अध्यात्मापगाप्लावित औपनिषदिक ज्ञान से संश्लिष्ट संशुद्धाभिधान अध्यात्म जगत् में प्रवेश करने का हमारा उद्देश्य है कि संसार में रहते हुए हमा

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सदाचार बेला (09-09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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कुलतन्तु प्रज्ञावत् आचार्य श्री ओम शंकर त्रिपाठी जी 11/08/2021 से श्रोतावृन्द जिनका औत्सुक्य देखते ही बनता है को यावदर्थ औपनिषद ज्ञान से अभिसिञ्चित कर रहे हैं उसी क्रम में प्रस्तुत है आज दिनाङ्क 09/09

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सदाचार बेला (10-09-2021) का उद्बोधन

6 मार्च 2022
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आज प्रतिविशिष्टाभाषण इन संप्रेषणों के माध्यम से आचार्य जी का भाव यह रहता है कि हम अनुसंधान या परिस्थिति के अनुसार ज्ञान की दिशा में अग्रसर हो जाएं हमारा मानव जीवन मल,विक्षेप और आवरण से घिरा रहता है मल

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सदाचार बेला (11-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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 पुण्यश्लोक आचार्यपुंगव श्री ओम शंकर जी के लटभ वाचस्पत्य द्वारा पुनरपि चिकीर्षु गोष्ठि को अध्यात्माब्धि में प्रवेश करा रहे हैं|   स्थान :उन्नाव   आचार्य जी ने ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।

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सदाचार बेला (12-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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प्रस्तुत है आचार्यचूडामणि इराधिश्री श्री ओम शंकर जी द्वारा अभिगीर्ण का नभोवीथी से प्रहित अभिधान-   प्रसंग : विद्यालय के कार्यालय प्रमुख श्री रमेश चन्द्र अवस्थी से संबंधित एक प्रसंग (02:17-04:17) 7/8प

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सदाचार बेला (13-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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परमात्मा की कृपा से कठिन काम भी सरल हो जाते हैं l अक्षर शब्द भी है हर अक्षर का अर्थ है अक्षर ब्रह्म है अक्षर के विभिन्न स्वरूप सरस्वती मां की मूर्तियां हैं l उपनिषद् का अर्थ है गुरु के पास बैठना उपनिष

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सदाचार बेला (14 -09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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 प्रस्तुत है पुनश्च नमस्य करुणार्द्र आचार्य श्री ओम शंकर जी द्वारा प्रलपित अध्यात्माकीर्णोद्बोधन जो सकर्ण-वर्ग का अध्यात्म के रहस्यों के प्रति आनन्दि शान्त करेगा, जितनी देर भावस्थ हो सकें उतना अच्छा ह

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सदाचार बेला (15-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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परस्तुत है अभिलषणीयाचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 15/9/2921 का भणित आचार्य जी का प्रयास रहता है कि हम लोग अध्यात्म को व्यवहार के साथ संयुत कर कर्मशील योद्धा के रूप में अध्यात्मवादी चिन्तक बन सकें

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सदाचार बेला (16 -09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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पुनश्च प्रस्तुत है नैभृत्य की मूर्ति पण्डावत्आ चार्य श्री ओम शङ्कर जी द्वारा भाषित पवन -पदवी से प्राप्त का लगभग सत्रह मिनट तक अजस्र ज्ञान -पावनी प्रवाहित करता परलाप जो करता है परमात्मा करता है और वह स

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सदाचार बेला (17-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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तो पुनः एक बार का अनङ्गाध्वा से प्राप्त भाषित सुनने के लिए हम कटिबद्ध हो जाएं ज्ञान, भक्ति, वैराग्य, चिन्तन, विचार, संयम और निष्ठा का एकत्रीकरण हो जाए तो सब कुछ मिलता है और जिसमें सबसे वृहद् तत्त्व है

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सदाचार बेला (18-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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अब के सदाचार -सम्मेलन से हम प्रश्नोपनिषद् में प्रवेश करने जा रहे हैं | ब्रह्मर्षियों के पुत्र सुकेशा, सत्यकाम, सौर्यायणी, आश्वलायन, भार्गव और कबन्धी अपनी जिज्ञासा शान्त करने के लिए पिप्पलाद ऋषि के पास

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सदाचार बेला (19-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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पथुप्रथ आचार्य श्री ओम शंकर जी द्वारा विवक्षित विभु-तीर्थ से प्रणीत सदाचार -संप्रेषण अवगाहनोत्सुक श्रोताओं हेतु समय के सदुपयोग का विलक्षण उदाहरण हैl प्रस्तुत है- आचार्य जी की अपेक्षा है हम लोग इसका वि

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सदाचार बेला (21-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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कल आचार्य जी ने बताया था कि सूर्य प्राणदाता है और चन्द्रमा स्थूल का निर्माण करता है| अन्य विषयों के साथ पुनः हम प्रश्नोपनिषद् में प्रवेश करने जा रहे हैं | आचार्य जी ने संवत्सरो वै प्रजापतिः स्तस्यायने

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सदाचार बेला (22-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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 आज का व्याहार आचार्य जी ने कल से प्रारम्भ हुए पितृपक्ष में जल -दान का महत्त्व बताते हुए कहा कि भौतिक विज्ञान की पहुंच संसारेतर नहीं है l प्रश्नोपनिषद् में पञ्चपादं पितरं द्वादशाकृतिं दिव आहुः परे अर्

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सदाचार बेला (23-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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भाव यदि शक्तिसंपन्न होता है तो विचारों में ऊष्मा होती है l हमारा हिन्दू जीवन दर्शन अत्यन्त दिव्य है l   आज आचार्य जी ने श्रीमद्भगवद्गीता में 17 वें अध्याय के निम्नलिखित श्लोकों की व्याख्या की   देवद

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सदाचार बेला (24-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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 भगवत् आचार्य श्री ओम शंकर जी द्वारा भाषित आज दिनांक 24/09/2021 का भाषित उपनिषदों का ज्ञान गीता में अवतरित हुआ है आचार्य जी ने गीता के 15वें अध्याय के निम्नांकित श्लोकों का अर्थ समझने के लिए परामर्श द

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सदाचार बेला (25-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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अनूचान आचार्य श्री ओम शंकर जी ने को सदाचार संप्रेषण में प्रश्नोपनिषद् और गीता के 11 वें अध्याय का संस्पर्श किया है| प्रश्नोपनिषद् में आध्यात्मिक नियमावली है परिणाम की चिन्ता न करते हुए परिणामकारक कार्

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सदाचार बेला (26 -09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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मित्रयु आचार्य श्री ओम शंकर जी द्वारा प्रोक्त परमात्मा की योजना अप्रतिम,अवर्णनीय और अनुभवातीत है l परमात्माश्रित विचार शक्तिसंपन्न होता है और कार्यरूप में उसकी परिणिति प्रभावकारी होती है आचार्य जी ने

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सदाचार बेला (27-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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विन्दु आचार्य ओम शंकर जी ने सदाचार संप्रेषण में कल सम्पन्न हुए युग -भारती वार्षिक अधिवेशन की समीक्षा की l कल आचार्य जी का भाषण शक्ति -उपासना पर केन्द्रितरहा आज आपने युग भारती के चार विन्दु शिक्षा,स्वा

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सदाचार बेला (28-09-2021) का उद्बोधन

7 मार्च 2022
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कल श्री रामजन्मभूमि आन्दोलन के शिल्पी श्रद्धेय श्री अशोक सिंघल जी के अवतरण दिवस के अवसर पर आचार्य जी ने अपने भाव निम्नांकित पंक्तियों से व्यक्त किए "जय श्रीराम" शौर्य-स्वर देकर जिसने देश जगाया था , जि

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सदाचार बेला 29-09-2021) का उद्बोधन

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आजकल हम लोग औपनिषदिक क्षेत्र में प्रवेश किये हुए हैं l मनुष्य उत्पन्न हुआ तो उसके साथ ज्ञान अर्थात् वेद उत्पन्न हुआ वेदों में परा और अपरा विद्याएं हैं यज्ञ क्यों महत्त्वपूर्ण है यह वेदों में वर्णित है

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सदाचार बेला (30-09-2021) का उद्बोधन

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 प्रस्तुत है शुभाचार आo श्री ओम शंकर जी द्वारा वाचित सदाचार संप्रेषण भारतवर्ष संसार का कल्याण करने में सक्षम है और इसकी मूल जीवन पद्धति सनातन जीवन पद्धति है | सृष्टि क्या है इसके लिए आचार्य जी ने मुण्

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