परमात्मा की कृपा से कठिन काम भी सरल हो जाते हैं l अक्षर शब्द भी है हर अक्षर का अर्थ है अक्षर ब्रह्म है अक्षर के विभिन्न स्वरूप सरस्वती मां की मूर्तियां हैं l उपनिषद् का अर्थ है गुरु के पास बैठना उपनिषद् वह साहित्य है जिसमें जीवन और जगत्के रहस्यों का उद्घाटन निरूपण और विवेचन किया गया है | वैदिक साहित्य के चार भाग मन्त्र ब्राह्मण अरण्यक और उपनिषद् हैं| उपनिषद् या वेदान्त वेद का अन्तिम ध्येय -हम कौन हैं हम कहां से आये हैं | उपनिषद् वैसे तो 1180 हैं लेकिन अधिकतर अप्राप्य हैं | अब 12 बचे हैं l वैदिक ज्ञान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अतः अपने ऋषित्व को जगाने की आवश्यकता है | देवता ऋषि हजारों की संख्या में हैं| साधना का सहारा अवश्य लें केवल साधन का नहीं शक्ति भक्ति से संयुक्त करें| आचार्य जी ने यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्। ते ह नाकं महिमानः सचन्त यत्रपूर्वे साध्याः सन्ति देवाः ॥ 1 ॥