shabd-logo

सदाचार बेला (30 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022

101 बार देखा गया 101

 प्रस्तुत है विकुर्वाण आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण  

https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353 

अनुभूति की बात है कि इस रहस्यात्मक संसार में हम कुछ क्षण के लिये भी यदि आत्मस्थ हो जायें तो इसी मन बुद्धि चित्त अहंकार वाले प्राणवान शरीर में पूरा संसार दिखाई पड़ सकता है किसी को संपूर्ण संसार सीताराममय किसी को कृष्णमय किसी को ज्ञानमय किसी को भक्तिमय दिखाई देता है लक्षण भक्त तुलसीदास की सारी भक्ति प्रभु राम में समर्पित है क्योंकि बहुत छोटी आयु से ही उन्होंने राम की चर्चा सुनी है बारे तेँ ललात बिललात द्वार द्वार दीन, ⁠जानत हौं चारि फल चारि ही चनक को॥ तुलसी सो साहिब समर्थ को सुसेवक है, ⁠सुनत सिहात सोच बिधि हू गलक को। 

नाम, राम! रावरो सयानो किधौं बाबरो, ⁠जो करत गिरी तेँ गरु तृन तेँ तनक को॥ 

कवितावली के द्वारा संकेत करते हुए आचार्य जी ने तुलसी का अत्यधिक कष्टमय बचपन रेखांकित किया भीख मांगना मजबूरी है और उस पर अपमान भी मिलता है लेकिन आत्म जाग्रत हो तो मानअपमान की अनुभूति तो होती है राम के प्रति भक्ति है संसार के प्रति अपमान है शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं

वेदान्तवेद्यं विभुम्‌। रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्‌॥ (१) 

भावार्थ:- शान्त, शाश्वत , अप्रमेय, निष्पाप, मोक्ष व शान्ति प्रदान करने वाले, ब्रह्मा , शंकर एवं शेषनाग से निरंतर सेवित, वेदों द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया के कारण मनुष्य के रूप में दिखने वाले, समस्त पापों को हरने वाले, करुणा की मूर्ति , रघुकुल में श्रेष्ठ और राजाओं के शिरोमणि राम कहलाने वाले जगदीश की मैं वंदना करता हूँ l सुन्दर कांड यह अद्भुत छंद है आचार्य जी ने निर्भरा भक्ति की व्याख्या की इस भक्ति में बुद्धि का नहीं भाव का स्थान है भक्तों और उनके भगवान रूपी गुरुओं के अनेक उदाहरण हैं नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च वानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥ भावार्थ:- हे रघुनाथजी!

आप सभी के दिल में आत्मा रूप में स्थित हैं, फिर भी मैं सच कहता हूँ कि मेरे दिल में अन्य कोई इच्छा नहीं है। हे रघुकुल श्रेष्ठ! आप मुझे केवल आप पर ही जो आश्रित हो ऐसी भक्ति प्रदान करिये व मेरे मन को काम आदि दोषों से मुक्त करिये l इसी तरह विवेकानन्द की राष्ट्रभक्ति भी अद्भुत है हम सेवा कर रहे हैं तो जो कुछ मिल जाये वही ठीक है पहले शिक्षकों को भी उनके शिष्य जो कुछ दे देते थे वही उनका शुल्क होता था वकीलों के चोंगों में इसी तरह मुवक्किल शुल्क डालते थे लेकिन इस समय हमारी कमजोरी के कारण शिक्षा की दुर्गति हो गई आज पुनः आचार्य जी ने अध्ययन स्वाध्याय ध्यान चिन्तन मनन निदिध्यासन पर जोर दिया | 

31
रचनाएँ
सदाचार बेला (जनवरी 2022)
0.0
नियमों के अनुकूल किया गया काम ही सदाचार कहलाता है, जैसे—सत्य बोलना, सेवा करना, विनम्र रहना, बड़ों का आदर करना आदि। ये उत्तम चरित्र के गुण हैं। जिस व्यक्ति के व्यवहार में ये गुण होते हैं, वह सदाचारी कहलाता है। ... इस तरह सदाचार का अर्थ है अच्छा व्यवहार सदाचारी व्यक्ति में गुरुजनों का आदर करना, सत्य बोलना, सेवा करना, किसी को कष्ट न पहुँचाना, विनम्र रहना, मधुर बोलना जैसे गुण होते हैं।
1

सदाचार बेला (01/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है तीव्रसंवेग आचार्य श्री ओम शंकर जी का सूरत जो उस समय मुगलों का एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण किला था उस पर सन् 1664 में आज ही के दिन शिवाजी राजे भोंसले (जन्म 19 फ़रवरी 1630) ने धावा बोल दिया था] क

2

सदाचार बेला (02 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 प्रस्तुत है प्रवर्तिन् आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353   संसार में रहते हुए सभी के साथ कारण और कार्य संय

3

सदाचार बेला (03 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

सव्येष्ठ आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353   आज के सदाचार संप्रेषण में आचार्य जी के मन में सांसारिकता के सा

4

सदाचार बेला (04/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण l ता ऊपर सुल्तान है,मत चूके चौहान।।   प्रस्तुत है सानु आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ https://youtu.be/YzZRHAHbK1w h

5

सदाचार बेला (05 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

त्तासुर दैत्य के आतंक का सामना करने हेतु देशहित में दधीचि ऋषि द्वारा दान की गई हड्डियों से तीन धनुष गाण्डीव पिनाक सारङ्ग बने प्रस्तुत है स्यन्दनारोह आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https:

6

सदाचार बेला (06 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है वीरन्धरोन्मुख आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353   क्योंकि हम लोग ऋषित्व को प्राप्त नहीं कि

7

सदाचार बेला (07/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

हर कर को गांडीव सुलभ है,हर मन को उत्साह । किंतु शर्त यह आह न किंचित, हर पल निकले वाह ।। हर कर कोगांडीव सुलभ है,हर मन को उत्साह । किंतु शर्त यह आह न किंचित, हर पल निकले वाह ।।   ✍️ओम शंकर प्रस्तुत है

8

सदाचार बेला (08 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है साशंस आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण : -   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353   इस सदाचार वेला का अनवरत संप्रेषण परमात्मा दे

9

सदाचार बेला (09/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 प्रस्तुत है स्मितदृश्आ चार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353   आचार्य जी आज कानपुर पहुंचेंगे भाषा का व्यवहार म

10

सदाचार बेला (10 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 प्रस्तुत है धैर्यकलित आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/, https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353   स्थान -परिवर्तन और व्यवस्था -परिवर्तन में भी

11

सदाचार बेला (11 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत । क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति ॥ (कठोपनिषद् 1/3/14) (उत्तिष्ठत, जाग्रत, प्राप्य, वरान्, निबोधत, क्षुरस्य, धारा, निशिता,दुरत्यया,दुर्गम

12

सदाचार बेला (12/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है उद्यतायुध आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353   श्रोता और वक्ता दोनों यदि अपने विकारी शरीर को भुल

13

सदाचार बेला (13 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है अध्यात्मोद्रेचक आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353   यदि श्रोता को अंतर्मन में बोलने का अभ्यास ह

14

सदाचार बेला (14 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 सर्वगुह्यतमं भूयः श्रृणु मे परमं वचः। इष्टोऽसि मे दृढमिति ततो वक्ष्यामि ते हितम् ।।18.64।।   प्रस्तुत है ध्वज आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://yo

15

सदाचार बेला (15 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

लभन्ते ब्रह्मनिर्वाणमृषयः क्षीणकल्मषाः। छिन्नद्वैधा यतात्मानः सर्वभूतहिते रताः।।5.25।।  प्रस्तुत है प्रबर्ह आचार्य श्री ओम शंकर जी का भारतीय संस्कृति की रक्षा और विस्तार हेतु सदाचार संप्रेषण  https:

16

सदाचार बेला (16 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

सर्वभूतहिते रताः प्रस्तुत है प्रभविष्णु आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353  सिविल लाइन्स उन्नाव स्थित सरस्

17

सदाचार बेला (17 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 प्रस्तुत है आर्थिक आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353  कल उन्नाव स्थित विद्यालय के पूर्व छात्र सम्मे

18

सदाचार बेला (18 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

आत्मानुसंधान तथा अन्तरावलोकन द्वारा अपने दोषों को दूर करने की चेष्टा करें -अखंड ज्योति अप्रैल 1951 पृष्ठ 8  प्रस्तुत है मार्गोपदिश् आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yu

19

सदाचार बेला (19 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है प्रवेक आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353  हमने अपना उद्देश्य बनाया कि भारत मां के चरणो

20

सदाचार बेला (20 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

शौर्य कभी गर सो जाए तो हल्दीघाटी को पढ़ लेना ।।  प्रस्तुत है यजि आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w ,https://t.me/prav353 

21

सदाचार बेला (21/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है जाजिन्आ चार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण : -  https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353  मनुष्य के जीवन जीने का मर्म यही है कि वह मनु

22

सदाचार बेला (22 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है वृत्तशस्त्र आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.bue/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353  मनुष्यत्व की अनुभूति करते हुए हम लोग संसार

23

सदाचार बेला (23/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है वृत्तिस्थ आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353  परमात्मा की कृपा है कि सामान्य जीवन निर्वाह

24

सदाचार बेला (25/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

ओ हिन्दू वीर तेरे नाम एक संदेश लाया हूं तू किन वीरों का वंशज है बताने तुझको आया हूं  प्रस्तुत है यशस्काम आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , ttps://you

25

सदाचार बेला (26 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है हयङ्कष आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353  यह सदाचार वेला हमें उत्साह से भरने के लिये हो

26

सदाचार बेला (27/01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

प्रस्तुत है सिंहदर्प आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण    https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w , https://t.me/prav353  हम चाहे विद्यालय में रहें किसी संस्था में र

27

सदाचार बेला (28 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

बिनु संतोष न काम नसाहीं । काम अछत सुख सपनेहुँ नाहीं ॥  राम भजन बिनु मिटहिं कि कामा। थल बिहीन तरु कबहुँ कि जामा ll  प्रस्तुत है पाठीन आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.

28

सदाचार बेला (29 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।।2.47।।  प्रस्तुत है शिश्विदान आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ ,https:/

29

सदाचार बेला (30 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

 प्रस्तुत है विकुर्वाण आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ , https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353  अनुभूति की बात है कि इस रहस्यात्मक संसार में

30

सदाचार बेला (31 /01/22) का उद्बोधन

10 मार्च 2022
0
0
0

नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥ (भावार्थ:- हे रघुनाथजी! आप सभी के दिल में आत्मा रूप में स्थित ह

31

सदाचार बेला (24 /01/22) का उद्बोधन

14 मार्च 2022
3
0
0

 प्रस्तुत है स्नेहिन् आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण   https://sadachar.yugbharti.in/ https://youtu.be/YzZRHAHbK1w https://t.me/prav353  परमात्मतत्त्व बिना विचार के सहज ही कभी कभी उद्भूत

---

किताब पढ़िए