Veena Mishra ( Ratna)
हम सब के मन में कुछ इच्छाएँ सुप्त अवस्था में रहती हैं लेकिन कोई एक पल ऐसा आता है जब हमारी सोई हुई इच्छा फिर से जाग जाती
anil makariya
एक आदमी के संघर्ष और एक चूहे की जिजीविषा की जुगलबंदी ।
Tribhuvan Gautam
स्वतंत्रता दिवस हमारे देश मे 15 अगस्त 1947 से मनाया जाता है।इसी दिन हम स्वतन्त्र हुए थे। या ये कहें की हमें पूर्ण आजादी मिली थी। लेकिन क्या वास्तव मे
Sanjay Dani
बाबुलाल रायपुर शहर के बहुत धनी इंसान थे। उनके वहां कै राईस मिल व दुकानें थी। जिनका मूल्य 50 करोड़ से कम नहीं था। वे और अधिक कमाने के चक्कर मेँ शेयर
Deepak bundela arymoulik
हम भारत के जिस समाज में रहते है उस समाज में अनेकों जाती और धर्म के लोग भी रहते है. और इन धर्मों के अलग अलग रीती रीवाज भी होते है कुछ रीती रीवाज़ कुरीति
ओम शंकर त्रिपाठी
हर विषय पर शोधपरक लयात्मक रचनाओं का संग्रह
रामायण नामदेव
सौ में एक मेरी कविता शाहीन बाग दिल्ली कुछ कहती है मेरा दूसरा कविता-संग्रह है. जिसमें 100 कविताएं ली गयी हैं. मेरा पहला कविता संग्रह 2019 में आधी-दुनि
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bhavna Thaker
कभी-कभी इंसान अपेक्षाओं के पीछे भागते तमस की गर्ता में चले जाते है जहाँ से उभरना नामुमकिन होता है किसीकी किस्मत अच्छी होती है जिसे ईश्वर कृपा से कोई उ
भीष्म साहनी
भीष्म साहनी की कहानियों में बच्चे मनोवैज्ञानिक तौर पर अपने परिवेश व समाज की वास्तविकता का बोध कराते हैं। वास्तविकता का संदर्भ धर्म की सामाजिक रूढ़ मान
Abhishek Kumar
अच्छी बातें
Kajal Manek
जीवन के अनुभवों पर आधारित कविता संग्रह
Dinesh Dubey
यह एक एक भिखारिन की कहानी है लोग उसका उपयोग कैसे करते हैं
Ajay Kesharwani
कोरोनावायरस के चलते देश में लाक डाउन लगा हुआ है। जिसके चलते अन्य राज्यों में बसे हुए मजदूरों का पलायन हो रहा है। और मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर चल प
मन्नू भंडारी
मैं हार गई इस संग्रह की कहानियाँ मानवीय अनुभूति के धरातल पर रची गई ऐसी रचनाएँ हैं जिनके पात्र वायवीय दुनिया से परे, संवेदनाओं और अनुभव की ठोस तथा प्रा
₹ 199
साहस और बेबाकबयानी के कारण मन्नू भंडारी ने हिन्दी कथा-जगत् में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। नैतिक-अनैतिक से परे यथार्थ को निर्द्वन्द्व निगाहों से देखना
₹ 150
Arti
यह हमारे दैनिक जीवन से जुड़े छोटे-बडे़ अनुभवों को एक पुस्तक के रूप में की गई प्रस्तुति है..... हमारा जीवन, जो अनेक उतार-चढ़ाव और संघर्षों से ही बनता ह
एक गरीब आदमी का दिया हुआ दान
आर. के. नारायण
मालगुडी के सुप्रसिद्ध भारतीय लेखक आर के नारायण की अनेक रचनाओं में केंद्रीय महत्व प्राप्त एक काल्पनिक शहर (कस्बा) का नाम है। उन्होंने इस काल्पनिक शहर क
Farha khan (Anabia)
यह कहानी एक घमंडी लड़की फातिहा की है जो विदेश से हिन्दुस्तान अपने दादी के घर आती है।। उसके दिमाग़ मे हिन्दुस्तानी लोगों को जाहिल और अनपढ़ समझती है।। ले
अमित मोहन
समाज का चेहरा दिखाती कहानियों का तानाबाना