शब्द अपने आप में एक विशाल समुद्र है यह अपने गर्भ में असंख्य हीरे मोती एवं ज़हर की पोटली समाए रखते है एक शब्द युद्ध की नींव रख सकता है तो एक शब्द वात्सल्य की गंगा बहा सकता है । इस पवित्र गंगा को मैली करने का सामर्थ्य शब्दों में ही तो है। यह
मैं इस पुस्तक की लेखिका रश्मि गुप्ता, उम्र के हर स्वाद का रसपान कर चुकी हूँ और कहीं भी इसे मैंने नीरस नहीं पाया है। हर चीज यहां अपना एक विशेष स्थान रखती है। चाहे फूल ही या कांटा, दोनों की बराबर अहमियत है । लीक से हटकर अंधेरे, समस्या
नमस्कार दोस्तो, जीवन में पुस्तकों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। पुस्तकें ही एक ऐसा माध्यम है जिनमें वर्णित अपने विचारों द्वारा कोई भी लेखक या कवि बदलाव की लहर को जन्म दे सकता है। इतिहास साक्षी है की कलम ने अपनी ताक़त को बखूबी साबित किया है।
मेरे प्यारे पापा🙏🏻😊❤️
यह किताब पारिवारिक रिश्तों का महत्व और समाज की कुरीतियों आओर कुप्रथाओं से एक स्त्री का संघर्ष दर्शाती है ,जो अपने बच्चों को सदैव प्रेम ,सौहार्द और नैतिकता का शिक्षा देती हुई उन्हें पालती है । इस कहानी में खून के रिश्ते नहीं बल्कि दिलों के रिश्तों का
"निर्मल काव्य-धारा" जीवन के विभिन्न पहलुओं के गहन अध्ययन एवं अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर पाठको के समक्ष प्रस्तुत की गयी,काव्य कला का एक अनूठा संगम है। जिसमें कहीं दुनिया के बदलते परिवेश, सच्चे प्रेम की कसक,एवं प्रकृति के सौंदर्य का निरुपम
सतरंगी कहानियाँ हमारे आस-पास रोजमर्रा की जिंदगी में घटित होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं का संग्रह है। जिनमें जीवन के कई रंगों की झलकियाॅं मिलेंगी। एक बुजुर्ग की घिनौनीं हरकत से सहमी हुई छोटी बच्ची मीनू की कहानी है "ट्रेन वाले अंकल"। "शातिर चोरनी" और "सि
इस किताब मे दैनिक लेखन प्रतियोगिता में जो विषय दिये जाएंगे उन पर कुछ लिखने की मेरी एक कोशिश।
"निर्मल काव्य-सौरभ" में सामाजिक जीवन के बदलते परिवेश, प्रेम की परिकल्पनाएं, एवं जीवन के गहन अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर,उन्हें श्रृंखलाओं में सृजन कर ,राग-माधुर्य के साथ मालाओं का नव सृजन कर ,प्रिय पाठकों को समर्पित करने का एक उत्तम प्रया
''गरीबी में डॉक्टरी' के उपरान्त 'होंठों पर तैरती मुस्कान' मेरी कहानियों का दूसरा संग्रह है। संग्रह की कहानियाँ सीधे सरल शब्दों में सामाजिकता के ताने-बाने बुनकर मैंने पाठकों को कुछ न कुछ संदेश देने का प्रयास किया है। मेरे इस संग्रह की पहली शीर्षक कहान
पढ़िये मनोरंजक कहानियां/लेख और एक लघु उपन्यास
ईश्वर ने श्रष्ठी की श्रेष्ठ रचना की हैं।भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव जन्तु बनायें है।सबसे प्रखर बुद्धि से परिपूर्ण विकसित मानव की रचना की हैं।अपनी बुद्धि, विवेक,साहस का प्रयोग करके असम्भव को सम्भव करने में सक्षम रहा है ।...और भविष्य में होता रहेगा। शदि
इस किताब में कुछ कहानियाँ लिखी हैं जो यह दर्शाते हैं की कैसे एक फैसला आपके जीवन को बदल देता है तो एक बार पढियेगा जरूर
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपने जीवन को दूसरों के लिए होम कर देता है।स्नेहमल नाम का यह व्यक्ति अपने दृढ़ चरित्र से अन्य लोगों के चरित्र को गढ़ता हुआ चलता है।इसके जीवन में कई समस्याएं भी आती हैं लेकिन वह संत स्वभाव का होने के कारण समस्त समस्याओं
यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखित कविताओं का एक संग्रह है । इसकी हर एक कविता किसी न किसी सामाजिक सच्चाई से रुबरु कराती है इसीलिए इस पुस्तक का नाम है " सच के राही " मैंने अपनी कलम से कडवे सच को लिखने का साहस किया है और इसमें आप सबके यथासम्भव सहयोग की उम्मीद
स्वरचित कहानियां जो मनुष्य के जीवन के कुछ घटना क्रमों से सम्बंधित करके दिमागी विचारों से रची गई है। जिनका मुख्य उद्देश्य घटनाक्रमों से शिक्षा लेकर अपने जीवन में सुधार करके कुछ बदलाव करना इसके अतिरिक्त समाज में इस तरह के व्यवहारों को रोकना जो मानवता स
लोकोक्तियों पर आधारित मेरी पहली 'लोक उक्ति में कविता' संग्रह के उपरान्त यह मेरा दूसरा काव्य संग्रह है। इस संग्रह में मैंने बिना किसी भाषाई जादूगरी और उच्चकोटि की साहित्यिक कलाबाजी के स्थान पर दैनिक जीवन की आम बोलचाल की भाषा-शैली को प्राथमिकता दी है।
मनुष्य सृजन शील प्राणी है और हमेशा कुछ नया आयाम बनाने में लगा रहता है। सभ्यता, संस्कृति, परंपरा, रीति रिवाज,रहन सहन, धर्म कर्म पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित करता है उसे हम उस परिवार, समाज की धरोहर कहते हैं उसी प्रकार मेरे मन में शब्द उमड़ घुमड़ कर कविता
विवरण "God gave us beautiful life and different story for everyone's life, different experience for everyone. Sometimes it seems that we are also playing the character of a film. My experience which I saw, what I understood, I'm sharing with you. Ye
दोस्तो इस नए ग़ज़ल संग्रह 'बोलती ग़ज़लें' के साथ आपके सामने मैं खुद मुख़ातिब हूँ । मेरी अन्य विद्याओं की रचनाएँ प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं हैं । इस किताब के मुतल्लक मैं ये कहना चाहूँगा की मैनें कभी शेर शौकिया तौर पर कभी नहीं कहे औऱ न ह