बेबसी सरकार की...
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
कोरोना ने इनमे दूरियाँ बढ़ाई, नेताओ ने मौज मनाई।
जहाँ हो वही रहो यह बात, जनता को समाझ न आई।
कोटा के विद्यार्थियों ने,सत्ता में खूब उठापटक मचवाई।
जाग परेशान सत्ता ने, एक मई से श्रमिक ट्रेन चलवाई।
चढ़ भेड़ बकरियों की तरह, ट्रकों में अपनी जान गवाई।
सन 2020 की राजनीति ने, जग में नया इतिहास रचाया।
चलकर पैदल मजदूर, तजि भूख प्यास अपने गांव आया।
बैठा बाप को साईकिल में बेटी ने गांव की सरहद पहुचाई।
जान हाल गरीब प्रवासियों का, काँग्रेस ने वीडियो बनवाई।
चर्चा का विषय बना पेट और बिखरी ट्रैक पर रोटियों का।
इस हो हल्ला से भारतीय मीडिया भी बैखलाई,
कर फटकार नेताओ की सभा बुलाई, पूछ सवाल जनता के नेताओ की नींद उड़ाई।
बात वही हम पूछेंगे सवाल बात गरीब जनता के पेट की।
भूखे प्यासे श्रमिकों ने शहरों में उत्पात मचाया खा डंडा प्रशासन के अपने गाँव आने का रुख बनाया।
तोड़ सरहदों की दीवारों को कोरोना वायरस को सारे गांवों तक फैलाया।
हुई बेबस सरकार भी खोल ठेका लॉक डाउन की धज्जियां उड़वाया।