धनहर और मनहर
धनहर मनहर दोनो साथी और संघाती है।
गंगा में धनहर नाव तो मनहर पतवार है।
बीज बोता धनहर खेत मे, ध्यान मनहर देता है।
ट्यूबवेल धनहर का बरहा होता मनहर का।
फसल बड़ी हुई धनहर की काटता मनहर है।
धनहर फसल लाया शहर में मनहर गांव में।
धनहर की झोली भरी मनहर की जेब ऊँची हो गई।
धनहर की कोठी हवेली, मनहर की झोपड़ी घरदुवार।
धनहर पहने धोती कुर्ता, मनहर पहने पजामा कुर्ता।
धनहर देखे मनहर की बाट, है गजब इन दोनों का साथ।
अब दिल्ली की बॉर्डर में धनहर मनहर दोनो आए।
दोनो को देख सरकार, धनगर को किसान, मनहर को मजदूर कहने लगी।
धनहर की बोलियों से मनहर के जोश से प्रसाशन और सरकार सामने है।
धनहरो के ट्रैक्टर में मनहरों का जोश भरता हुआ झुंड है।