सिर्फ संतोष ढूँढिये, आवश्यकताऎ तो कभी समाप्त नही होंगी.
10 मार्च 2022
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हमारे जीवन की खुशियाँ इस बात पर निर्भर करतीं है कि हमें जिनका साथ मिला है वो कितने खुश हैं। अच्छे मित्र, अच्छा परिवार और अच्छा वातावरण मिलना भाग्य की बात है खुशी हमारे अंदर होती।
उसको बाहर आने के लिए ऐसी ही अनुकूलता की आवश्यकता होती है। बेहतर होगा हम अपने आस पास की दुनियां खुशनुमा बनायें तो हम स्वतः ही खुश हो जाएंगे। आइये आज से नयी कोशिश करके देखते हैं स्वयं को नहीं अपनी परछाईं को खुश रखने की। बाकी सब अपने भगवान पर छोड़ देते हैं।
विश्वास रखिए उस पर छोड़ा हुआ कभी दु:खदायी नहीं होता। चाहे वो द्रौपदी हो या फिर अहिल्या चाहे वो सुदामा हो या सुग्रीव। आज अपने प्रभु से परमात्मा पर अटल विश्वास की अलौकिक प्रार्थना करते रहें।
सिर्फ संतोष ढूँढिये, आवश्यकताऎ तो कभी समाप्त नही होंगी.