संसार और भगवान् किसी के साथ पक्षपात नहीं करते। जाने वाले को जाने दो और रहने वाले के साथ रहो तो आपको कोई बन्धन है ही नहीं।
कल्याण कल की बात नहीं है, आज की बात है।
संसार का असर हो जाय इसका नाम ‘मन’ है। श्रीकृष्ण का असर हो जाय इसका नाम ‘भक्ति’ है। भजन भी करते हैं और विपरीत काम भी तभी लाभ नहीं दीखता।
*भजन करने से उतना लाभ नहीं होगा, जितना विपरीत काम के त्याग से होगा। जब तक आप भजन-ध्यान भी करोगे और दुर्गुण-दुराचार भी करोगे, तब तक के इस जीवन में सिद्धि नहीं होगी, नहीं होगी, नहीं होगी।*
*!!!...फल भोगता है कर्मों का, दोष देता है भगवान को-...!!!*