उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य भर में जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए कि ईद-उल-अजहा के अवसर पर खुले स्थान पर बकरे की कुर्बानी नहीं दी जाये और कुर्बानी सिर्फ बूचड़खानों में ही दी जानी चाहिए|
मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के डिवीजन बेंच ने आदेश दिया कि ,"यह निर्देश दिया जाता है कि ईद-उल-जुहा, यानि 22/23 अगस्त, 2018 के दिन, बकरी / भेड़ / भैंस समेत किसी भी जानवर को खुली जगह में, किसी भी सार्वजनिक सड़क या पूजा के किसी भी स्थान के सामने किसी भी तरह की भेंट में त्याग नहीं किया जाएगा |”
खंडपीठ ने आगे निर्देश दिया कि "ईद-उल-जुहा के दिन कोई गाय या गाय का वंश या कोई ऊंट नहीं मारा जाएगा"।
मंगलवार को, अदालत ने यह भी कहा कि पशु बलि का रक्त खुली नालियों और नालों में नहीं बहना चाहिए और राज्य भर में खुली जगहों में रक्त और कूड़े को डंप नहीं किया जाना चाहिए।