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अहिंसा परमो धर्म

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करवाचौथ सुनो ना, सीमा ने प्यार से पति रवि के कंधे पर सिर रखते हुए कहा... "करवाचौथ मे सिर्फ तीन दिन रह गए है । क्या उपहार चाहिए तुम्हें । "रवि ने सीमा की बात बीच मे काटते हुए तल्खी भरी आवाज म

सत्य अहिंसा के पुजारी को,हम प्यार से 'बापू' कहते हैं,२ अक्टूबर, जन्मदिवस पर,आज नमन हम उनको करते हैं।अफ्रीका में भेदभाव के,वो शिकार जब होते हैं,सविनय अवज्ञा आंदोलन से,वो जबाव तब देते हैं।भेदभाव के समूल

सिखाया जिन्होंने अहिंसा का पाठ बताया सत्य का मार्ग, आज वही हमारे बीच नहीं रहे पर उनके विचार आज भी भारतीय को प्रेरित करते हैं, जीती सत्य अहिंसा से उन्होंने अनेकों लड़ाई धूल चटाई अंग्रेजों को और कर दिया

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गांधी जयंती गांधी जी को स्मरण करने का पुण्य दिन है। 2 अक्टूबर 1869 को गांधी जी के जन्म हुआ था। इसलिए कृतज्ञ राष्ट्र उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

सभी देश के  इन्सान व सभी देश की राजनीती के बड़े- बड़े प्रख्यात व बहुचर्चित इन्सान फिर वो चाहे राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री हो या कोई भी क्यों न हो सभी इसी बात पर बल देते है की "अहिंसा न हो " किन्त

सभी देश के  इन्सान व सभी देश की राजनीती के बड़े- बड़े प्रख्यात व बहुचर्चित इन्सान फिर वो चाहे राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री हो या कोई भी क्यों न हो सभी इसी बात पर बल देते है की "अहिंसा न हो " किन्त

                  मन में किसी का अहित न सोचना, किसी को कटुवाणी आदि के द्वार भी नुकसान न देना तथा कर्म से भी किसी भी अवस्था में, किसी भी प्राणी कि हिंस

अहिंसा परमो धर्म का अर्थ है की , किसी से लड़ाई और हिंसा किए बिना अपने उद्देश्य व लक्ष्य की प्राप्ति करना । अहिंसा के मार्ग पर चलकर हम मानव जीवन में काफी बदलाव ला सकते हैं । संसार में एक नया आयाम

अहिंसा परमो धर्म अर्थात्  अहिंसा ही परम धर्म है।मनुष्य की जिंदगी में सद्गुणों की पंक्ति में अहिंसा भी एक बहुत बड़ा गुण होता है जो मनुष्य को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।वर्तमान की मनोदशा देखते ह

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