थोड़े से रूपये जमा किये थे
जमीन बेच कर सारे रूपये
एजेंट को समर्पित किये थे
बेटी को विदेश भेजने के
बाप ने सारे इन्तजाम किये थे
महीनो धक्के-मुक्के खाए थे
ऑफ़िसो के चक्कर लगाये थे
कभी पासपोर्ट ने दौड़ाया था
कभी वीजा ने भगाया था।
तब जाकर विदेश भेजने का
कराया गया था इन्तजाम
अब आ गये कोरोना महाराज
सारी उड़ाने रद्द हो गयी।
बेटी की विदेश यात्रा
बीच मे ही अवरुध हो गयी थी
इतना पैसा भरने के बाद भी
ऑनलाइन स्टडी शुरु हो गई
कविता चौधरी