श्री कृष्ण जन्माष्टमी
बजते शंखनाद, हरे कृष्ण के आगमन के साथ,
जन्माष्टमी की रात, है खुशियों का साथ।
गोपियाँ हेरते हैं कान्हा के प्यारे रूप को,
माखन की दही में छुपा खेलते श्याम साथ।
मुरली की मधुर ध्वनि, दिल को छू जाती है,
गोपियों के दिलों को छूने की वो सबसे बात।
रासलीला की रात, ब्रज की धरती हिल जाती है,
गोपियाँ नाचती हैं, और कान्हा मस्ती से भर जाती है।
जन्माष्टमी के पावन दिन पर हम सब मनाते हैं,
श्री कृष्ण का जन्म, और उनके दिव्य गुण याद करते हैं।
कृष्ण की कथाओं में खो जाएं और उनका भव्य भविष्य देखें,
जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर, हम सब मिलकर गाएं:
"हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे,
हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे।"