झगड़ा करने वाले का मन सदा अशान्त रहता है, और वह सदैव उलझन में फँसा रहता है। किसी को मनमति से हटाकर गुरमति में परिवर्तित करना ही भूले-भटके को मार्ग दर्शाना है।
कोई बुरा भला कहे तो उत्तर न दो, अगर मन न माने तो जिव्हा को रोको। कभी उदास हो जाओ तो प्रभु की महिमा व प्रार्थना के भजन गाओ।। होलिका ने प्रह्लाद भक्त को नष्ट करने के लिए सोचा था परन्तु वह स्वयं जलकर भस्म हो गई। जो भगवान के भक्त को कष्ट देने के लिए सोचता है वह स्वयं ही दुःखी होता है।