शख़्सियत अच्छी होगी तभी लोग उस में बुराइयाँ खोजेंगे, वरना बुरे की तरफ़ देखता ही कौन है...!!
कर्महीन मनुष्य” हमेशा
*किस्मत को कोसते हुए शिकायतों का अंबार लगा देता है. ? और दूसरी तरफ एक "कर्मठ" व्यक्ति के पास केवल एक ही "राह"और एक ही "विकल्प" होता है, और वह है, "कर्म".....*
*उसको तो सिर्फ अपने सभी कर्तव्यों का पालन करते हुए, निरन्तर श्रम करना है,उसके पास ना तो कोई अन्य "बहाना" है, व ना ही कोई अन्य "विकल्प"....*
*इसके विपरीत, जिसको स्वयं कोई कार्य नही करना है, अथवा किसी भी तरह कार्य को दूसरों के ऊपर थोपना है, उसके पास एक नही, सौ बहाने होते हैं, ऐसे "कर्महीन" लोग खुद तो कोई कार्य करते नहीं हैं, और दूसरों को भी कर्म के प्रति हतोत्साहित करते हैं...*
*जीवन के प्रति पूर्ण नकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले ऐसे लोग अपने परिवार, समाज एवं राष्ट्र*
*पर बोझ एवं "ऋणात्मक" कोष के समान होते हैं..*
*कितनी अजीब बात है ना, ? जब लोग किसी को "पसंद" करते है तो...? उसकी "बुराई " भूल जाते है, और जब किसी से "नफरत" करते है तो...? उसकी "अच्छाई" भूल जाते हे....*
*आप अपने जीवन के प्रति सदैव ही सकारात्मक एवं कर्मशील रहें...*