*"खुशी" के लिये बहुत कुछ इकट्ठा करना पड़ता है,ऐसा हम समझते हैं....!*
*किन्तु, हकीकत में खुशी" के लिये बहुत कुछ छोड़ना भी पड़ता हैं,ऐसा "अनुभव".... कहता है..!!*
*जिन्दगीं को देखने का*
*सबका*
*अपना अपना नजरिया होता है*
*कुछ लोग भावना में ही*
*दिल की बात कह देते है,*
*और.*
*कुछ लोग गीता पर हाथ*
*रख कर भी सच नहीं बोलते...*
*बहुत ही सुंदर वर्णन.*
*मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए..*
*अभिमान मर जाएगा*
*आँखों को थोड़ा भिगा कर देखिए..*
*पत्थर दिल पिघल जाएगा*
*दांतों को आराम देकर देखिए..*
*स्वास्थ्य सुधर जाएगा*
*जिव्हा पर विराम लगाकर देखिए*
*क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा*
*इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए..*
*खुशियों का संसार नज़र आएगा..*