*इस संसार में जन्म लेने के बाद प्रत्येक मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए , या किसी भी प्रकार की सफलता प्राप्त करने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करता है और उसी लक्ष्य पर दिन रात चिन्तन करते हुए कर्म करता है तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करता है | कोई भी लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹*।।श्रीमते रामानुजाय नमः।।**श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् का जन्म*-------------------------------------------------------श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् कूरत्तालवान् (कूरेश स्वामी) और माता आण्डाल के सुपुत्र हैं । श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् (दोनों भाई)
हम पर भारी पड़ा फादर्स डे डॉ शोभा भारद्वाज 21 जून को पितृ दिवस दिन रविवार था | बेटी परिवार सहित सिंगापुर में रहती यहीं उच्चपद का आसीन है अक्सर वह व्यस्त रहती है लेकिन में लाक डाउन घर से काम करती है लेकिन इतवार के दिन वह अखबार पढ़ती है सिंगापुर में चीन से निकलने वाला दि ग्लोबल टाईम्स का इंग्लि
संदेसे आते हैं हमें तड़पाते हैं Ke Ghar Kab Aaoge - Sandese Aate Hain LyricsSndese ate hain hamen tadpaate hainJo chitthhi ati hai wo puchhe jaati haiKe ghar kab aoge likho kab aogeKe tum bin ye ghar suna suna haiKisi dilawaali ne, kisi matawaali neHamen khat likha ha
ऐ मां मेरी यादों को दिल में बसा लेना| अब जाता है लड़ने को, ये देश भक्त दीवाना| विजय पाकर के ही आए, बस इतनी दुआ देना| ऐ मां मेरी यादों को दिल में बसा लेना| है दिल में मां मेरे, सरहद क
हे शिव शंभू, आपकी महिमा अपरम्पार हैहमारे तो हैं दो हाथ, आपके हज़ार हैंआपकी जटा से तो गंगा बहती हैआप जैसा वर मिले, यह हर लड़की कहती हैआपसे मिलने बद्रीनाथ, सभी तैयार हैंहमारे तो हैं दो हाथ, आपके हज़ार हैंआपके गले उतरने से ज़हर भी रुक जाता हैअपके सामने आकर पूरा संसार झुक जाता हैभक्तों के कष्ट दूर करने
भोलेनाथ को प्रसन्न करने और उनकी पूजा करने के लिए श्रावण मास यानी सावन का महीना सबसे पावन माना जाता है। पूरे देश में 17 जुलाई से सावन का महीना मनाया जा रहा है और सभी भोलेनाथ के प्रति अपनी श्रद्धा भक्ति दिखाई है। 15 अगस्त को सावन का महीना खत्म होने वाला है और इसके पहले
कोई भी राष्ट्र कितना भी शांति प्रिय क्यों ना हो , अपनी सीमाओं की हर तरह से सुरक्षा करना उसका परम कर्तव्य है | यदि कोई देश अपनी सुरक्षा में जरा सी भी लापरवाही करता है उसे पराधीन होते देर नहीं लगती | , क्योंकि राष्ट्र की सीमाओं के पार बसे दूसरे राष्ट्र भी
वीर अभिनन्दन ! हार्दिक अभिनन्दन ! तुम्हारे शौर्य को कोटि वन्दन ! पुलकित , गर्वित माँ भारती - तुम्हारे निर्भीक पराक्रम से , मृत्यु - भय से हुए ना विचलित - ना चूके संयम से ;सिंह पुत्र तुम जननी के सहमा शत्रु नराधम !! श
Shiv ji ki aarti - शिवजी की आरती - In HindiShiv ji ki aarti - शिवजी की आरतीॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज
मैं ना तो हिन्दू हूँ ना ही हिंदुत्व में विश्वास रखता हूँ. मैं सनातनी हूँ और सनातन धर्म का पालन करता हूँ. सनातन धर्म जो सृष्टि के आरम्भ से हैं और सृष्टि के अंत तक रहेगा. गर्व से कहो कि मैं सनातनी हूँ. सनातन में सब कुछ समा जात
गूंजी मातमी धुन लुटा यौवन तन सजा तिरंगा लौटा माटी का लाल माटी में मिल जाने को ! इतराया था एक दिन तन पहन के खाकी चला वतन की राह ना कोई चाह थी बाकी चुकाने दूध का कर्ज़ पिताका मान बढाने को ! लौटा माटी का लाल माटी में मिल जाने को !!रचा चक्रव्यूह शिखंडी शत्रु ने छुपके घात लगाई कु
त्याग, संघर्षपूर्ण जीवन, नि: स्वार्थ सेवा और निष्काम भक्तिरामायण और रामचरित मानस में भगवान श्रीराम की वनयात्रा में माता शबरी का प्रसंग सर्वाधिक भावपूर्ण है। भक्त और भगवान के मिलन की इस कथा को गाते सुनाते बड़े-बड़े पंडित और विद्वान भाव विभोर हो जाते हैं। माता शबरी का त्याग और संघर्षपूर्ण जीवन, नि: स्व
तुलसी दास कहते हैं- 'भाव-अभाव, अनख-आलसहुं, नाम जपत मंगल दिषी होहुं।' भाव से, अभाव से, बेमन से या आलस से, और तो और, यदि भूल से भी भगवान के नाम का स्मरण कर लो तो दसों दिशाओं में मंगल होता है। भगवान स्वयं कहते हैं, भाव का भूखा हूं मैं, और भाव ही इक सार है, भाव बिन सर्वस्व भी दें तो मुझे स्वीकार नहीं! ऐ
करणी माता मंदिर इस मंदिर को चूहों वाली माता का मंदिर, चूहों वाला मंदिर और मूषक मंदिर भी कहा जाता है, जो राजस्थान के बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक शहर में स्थित है। करनी माता इस मंदिर की अधिष्ठात्री देवी हैं, जिनकी छत्रछाया में चूहों का साम्राज्य स्थापित है। इन चूहों में
हे कान्हा...अश्रु तरस रहें, निस दिन आँखों से बरस रहें,कब से आस लगाए बैठे हैं, एक दरश दिखाने आ जाते...बरसों से प्यासी नैनों की, प्यास बुझाने आ जाते...बृंदावन की गलियों मे, फिर रास रचाने आ जाते...राधा को दिल मे रख कर के, गोपियों संग रास रचा जाते...कहे दुखियारी मीरा तोह से,
।। भक्ति-गान।। जय महावीर स्वामी जय महावीर स्वामी, जय महावीर स्वामी, जय महावीर स्वामी।।नित तेरे दर्शन पाऊं, और तेरी कृपा पाऊं स्वामी;सामने भी आओ स्वामी, कृपा की वर्षा करो स्वामी;जय महावीर स्वामी, जय महावीर स्वामी।।नित तेरा नाम जपूं, तेरे मार्ग
देश भक्ति की भावना को और जोशीला करने के लिए आज हम लेकर आये है चुनिन्दा देश भक्ति गीत, शायरी और गाने | यह देश भक्ति गीत आपमें जोश भर देगी और देश भक्ति के शायरी और सन्देश आप अपने दोस्त और परिवार को भेज उनके अन्दर की देश भक्ति जगा सकते है| न केवल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत
माँ का ध्यान हृदय सदा शान्ति सुधा बरसाती मलयानिल श्वासों में घुल हिया सुरभित कर जाती मौन मगन दैदीप्त पुंज मन भाव विह्वल खो जाता प्लावित भावुक धारा का अस्तित्व विलय हो जाता आतपत्र आशीष वलय रक्षित जीवन शूल,प्रलय वरद-हस्त आशंकाओं से शुद्ध आत्मा मुक्त निलय आँचल छाँह वात्सल्यमयी भय-दुःख, मद-मोह, मुक