लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री थे. आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद देश के लिए अहम योगदान देने वाले लौहपुरुष पटेल की 143वीं जयंती के मौक़े पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उनकी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. जिसे 'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' का नाम दिया गया है. ये दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.
विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध पर बनी इस 182 मीटर ऊंची मूर्ति को आप आप 7 किलोमीटर दूर से भी देख सकते हैं. ये दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इससे पहले चीन की 'स्प्रिंग टेम्पल ऑफ़ बुद्धा' सबसे ऊंची प्रतिमा थी, जिसकी ऊंचाई 153 मीटर है. इसके बाद जापान में बनी 'भगवान बुद्ध' की प्रतिमा का नंबर आता है, जो 120 मीटर ऊंची है जबकि न्यूयॉर्क स्थित 'स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी' की ऊंचाई 93 मीटर है.
1- सरदार पटेल की इस प्रतिमा को पांच भागों में बांटा गया है. प्रतिमा के 153 मीटर पर गैलरी बनाई गई है. जहां एक समय में क़रीब 200 पर्यटक इकट्ठा हो सकते हैं. यहां से सरदार सरोवर बांध, सतपुड़ा और विंध्य की पहाड़ियों का दीदार किया जा सकता है.
2- संग्राहलय और स्टैच्यू की कुल ऊंचाई 208 मीटर है. (बेस की ऊंचाई 58 मीटर + स्टैच्यू की ऊंचाई 182).
3- 'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' को बनाने में क़रीब पांच साल का वक़्त लगा है, जो सबसे कम समय में बनने वाली दुनिया की पहली प्रतिमा है. इसकी लागत में 2990 करोड़ रुपए ख़र्च हुए हैं.
4-'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' को सिंधु घाटी सभ्यता की समकालीन कला के तर्ज़ पर तैयार किया गया है. इसमें चार धातुओं के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है ताकि इसमें बरसों तक जंग न लगे. स्टैच्यू में 85% तांबा का इस्तेमाल भी किया गया है.
5- इस मूर्ति को बनाने में देशभर के गांवों से एकत्रित किए गए 18500 टन कृषि यंत्रों के लोहे का इस्तेमाल किया गया है. जबकि 6500 टन स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल किया गया है. इसके निर्माण में 70 हजार टन सीमेंट व 2 लाख 12 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगा है.
6- इस स्टैच्यू में इसमें दो हाई स्पीड लिफ़्ट लगी हुई हैं, जिससे एक समय में क़रीब 40 लोग गैलरी तक जा सकते हैं. गैलरी से पर्यटक सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी का नज़ारा देख सकेंगे.
7- इस स्टैच्यू में सरदार पटेल के चेहरे की बनावट के लिए दस लोगों की एक कमेटी बनाई गई थी. आपसी सहमति के बाद 30 फ़ीट का चेहरा बनाया गया. जिसे 3डी तकनीक से तैयार किया गया है.
8- सरदार पटेल के इस स्टैच्यू में उनके होंठ, आंखें और जैकेट के बटन 6 फ़ीट के इंसान के कद से भी बड़े बनाये गए हैं. उनके हाथों की लंबाई 70 फ़ीट है,जबकि पैरों की ऊंचाई 85 फ़ीट से भी ज़्यादा है. इस स्टैच्यू को बनाने के लिए 3400 मज़दूरों और 250 इंजीनियरों ने लगभग 42 महीने तक लगातार काम किया.
9- 'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' की मज़बूती का अंदाज़ा इसी बात से लगा सकते हैं कि तेज़ हवा, चक्रवात और 6.5 रिक्टर स्केल के झटकों के बावजूद भी ये प्रतिमा ऐसे ही खड़ी रहेगी. ऊंचाई में बने होने की वजह से बाढ़ के हालातों में भी इस प्रतिमा को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा.
10- सरकार 'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' को पश्चिम भारत के सबसे शानदार पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित कर रही है. यहां पर्यटकों के आकर्षण के लिए कई और सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है. पर्यटक यहां रुक भी सकेंगे.
11- पटेल के इस स्टैच्यू स्थल पर लेजर शो भी चलेगा साथ ही यहां पर म्यूज़ियम, रिसर्च सेंटर और फ़ूड कोर्ट भी होगा. इस प्रतिमा में कमर से ऊपर के हिस्से में लेजर शो के ज़रिये सरदार पटेल की जीवन यात्रा को दिखाया जायेगा.
12- मूर्ति के बेस में म्यूज़ियम बनाया गया है जिसमें पटेल से जुड़े 40 हज़ार दस्तावेज़ और 2 हज़ार दुर्लभ फ़ोटज़ होंगी. इस म्यूज़ियम में नेहरू, अंबेडकर, सरोजिनी नायडू जैसी विभूतियों के संविधान सभा में दिए भाषण के ऑडियो टेप भी होंगे.
13- यहां 45 हेक्टेयर में टाइगर सफ़ारी बनाई जाएगी, कच्छ की तर्ज़ पर 250 रूम की टेंट सिटी बनेगी, इसमें 500 लोग ठहर सकेंगे. सरदार सरोवर बांध से 4 किमी दूर साधु बेट में कच्छ के रण की तरह टेंट सिटी बसाई जा रही है.
14- स्टैच्यू तक जाने के लिए 306 मीटर लंबा रास्ता बनाया गया है और इसे मार्बल से तैयार किया गया है. इसके अलावा दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी पैदल रास्ता बनाया गया है.
15- 'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' का डिजाइन मशहूर मूर्तिकार राम वनजी सुतार ने तैयार किया है. राम वनजी सुतार को साल 2016 में पद्म भूषण, जबकि साल 1999 में पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है.
इसके अलावा साल 2021 में भारत में मुंबई के पास अरब सागर में छत्रपति शिवाजी की 212 मीटर ऊंची प्रतिमा बनने वाली है. इन दिनों इस पर कार्य चल रहा है.