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भ्रामक खबरें : समाज के लिए ज़हर

hindi articles, stories and books related to Bhramak khabren : samaj ke liye zahar


*रिश्ता* जीवन में किसी को......... दिल से पसंद करते हो..... उससे रिश्ता जोड़े रखे..... आपका काम चाहे न हो... पर कभी गलत राय......... आपको नहीं देगा............ जीवन में बहुत से रिश्ते.... गलत

बेटियाँ पराई नहीं, दिलों में रहती है...  एक बार एक गरीब पिता ने अपनी एकलौती पुत्री की सगाई करवाई...  लड़का बड़े अच्छे घर से था, इसलिए माता-पिता दोनों बहुत खुश थे । लड़के के साथ लड़के के पूर

सबको आती है नज़र रोशनी मेरे अंदर, कितनी है, पूछे कोई तन्हाई मेरे अंदर मेरी आवाज़ में है शामिल इक सन्नाटा, सदियों से चीखती है ख़ामोशी मेरे अंदर भीगने से भला कैसे बचाऊं ख़ुद को बहती है ग़म की एक नद

आजकल के हालातो में मीडिया की भरमार है । गलत और भ्रामक समाचार  फैलाना समाज में अंधकार है। इससे समाज में सांप्रदायिकता और तनाव बढ़ता है । जो पूरी मानवता के लिए खतरा है । कोई भी

🌹🌹❤️सम्बन्ध और सम्पर्क ❤️🌹🌹👉👉👉👇👇✍️✍️👇👇👈👈👈सम्पर्क चाहें सुन्दर हो जितने ,सम्बन्ध सम्पर्क रहित अधूरे हैं ,सम्पर्क प्रगाढ़ता बढ़ा देता है ,परिप्लावित समर्पण सम्बन्ध पूरे हैं ।सम्बन्ध प्रगाढ

हम नागरिक समाज का हिस्सा है और समाज हम नागरिक से बना है हमारी गलत और भ्रामक खबर समाज के विकास में बाधा है क्योंकि इससे समाज में अराजकता फैलती है लोगों के मन में बुराई का समावेश होता है, और यह समाज मे

समाज के कुछ गद्दार यहां,झूठी खबरें बांट रहे।छुपे हुए हैं देश में दरिंदें,जो दीमक बनकर चाट रहे।।जाति, धर्म की आड़ में, लोगों को भ्रमित करते हैं।देश के सच्चे सपूत यहां,सीने की आग उगलते हैं।।आगे लगा देते

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है अब तो खांसी मे फर्क है । आखिरकार ऐलोपैथिक दवाईयां लेकर ही आराम आया खांसी मे ।कितने ही घरेलू उपाय कर लो । हमारे पतिदेव घरेलू उपायों के हक मे है ।पर हमे अंग्रेजी दवाइयों क

जिस प्रकार आज समाज का वैष्वीकरण हो रहा है और समाज में सूचनाओं का आदान-प्रदान अब पहले की भांति नहीं रह गया है, जहां खबरें मात्र समाचार पत्रों और टेलीविजन के माध्यम से प्रसारित हुआ करती थी। इंटरनेट के इ

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