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चलों ना अपने घर

25 सितम्बर 2023

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हाय राम ! ये बहू है या आलस की पुड़िया। कोई काम भी पूरा नही करती ।ये देखो कोने मे कचरा पड़ा रह गया और ये महारानी कह रही है कि इसने झाड़ू लगा दी।देखो सूखे कपड़े भी ज्यों के त्यों पड़े है यूं नही कि सब की अलमारी मे तह लगा कर रख दे।"
सरला जी बहू नंदिनी पर भड़क रही थी।मदन लाल जी अखबार में मुंह देकर मंद म़द मुस्कुरा रहे थे।वो जानते थे कि सरला जी का ये हर रोज का काम था बहू के काम मे गलतियां निकालने का ।उनको बस मौका चाहिए होता था कि नंदिनी गलती से भी कोई काम अधूरा छोड़े और वो बडबडाए।
उस दिन तो अति ही हो गयी ।सुबह सुबह ही सरला जी ने रसोई घर मे देखा बिल्ली दूध के पतीले को झूठा कर गयी थी हाय राम!अब वो सारा दूध नाली मे जाएगा।सरला जी का पारा हाई हो गया वो चीख कर बोली ,"नंदिनी ,ओ नंदिनी कहां हो तुम ।ये देखो बिल्ली सारा दूध पी गयी ।पता नही कहां ध्यान रहता है ऊपर के जीनने का दरवाज़ा तुमसे बंद नही किया गया।ये देखो सत्यानाश हो गया ।"
नवीन ने देखा मां आज हद से ज्यादा गुस्सा हो रही थी।वह चुपचाप बिना कुछ खाये आफिस चला गया।उधर नंदिनी भी मुंह फुला कर अपने कमरे मे जा बैठी।
सरला जी का बड़बड़ाना निरंतर चालू रहा।आज तो मदन लाल जी भी खीज उठे थे बीवी पर जोर से बोले,"अब बस करो भागवान! बच्ची है गलती हो गयी कोई पहाड़ नही टूट कर गिर गया तुम्हारे सिर पर ।"
लेकिन सरला जी चुप ना हुई।
उधर नंदिनी को अच्छे से याद था वो छत से सूखे कपड़े उतार कर जीनने का दरवाज़ा अच्छे से बंद करके आई थी ।बाद मे कलोनी के शरारती बच्चे पतंग लेनें गये थे वो ही छोड़ आये थे खुला दरवाजा शायद।
जब नंदिनी ने देखा सास चुप होने का नाम नही ले रही है तो उसने नवीन को आफिस फोन लगा दिया ।सारी बात बताने पर नवीन ने घर आकर बात करने को बोलकर फोन रख दिया ‌।शाम को जब नवीन घर आया तो मां का फिर से वही नंदिनी पुराण सुनकर नवीन खीज गया और बोला,"मां तुम दोनों की नही बनती तो मैं ऐसा करता हूं मै अलग हो जाता हूं ।कल ही हम दोनों धये मकान मे शिफ्ट हो जाएंगे।
यह कहकर नवीन पैर पटकता हुआ अपने कमरे मे चला गया।अगले दिन सुबह दोनों अपना सामान बांध नये मकान मे चले गये 
नंदिनी के कुछ दिन तो आराम से बीते क्यों कि नयी नयी आजादी मिली थी ।मन मे आया काम करती मन आया काम ऐसे ही पड़ा रहता ।एक दिन जब नवीन घर आया तो सारा घर बेतरतीब से बिखरा पड़ा था । नंदिनी को बड़ी शर्म लगी ।ना खाना बना था ना बरतन धुले थे।ना साफ सफाई हुई थी। नवीन बोला,"नंदिनी ये क्या हाल बना रखा है घर का मां सही टोकती थी तुम्हें मां के डर से तो तुम काम भी सही करती थी और सफाई से करती थी ।"
नंदिनी भी भरी बैठी थी क्योंकि नवीन उसके काम मे हाथ नही बंटाता था बेचारा आफिस से ही सात बजे आता था ।सारा काम नंदिनी पर आकर पड़ गया था।घर का ,बाहर का ।जब सास ससुर के पास रहती थी तो ना राशन खत्म होने की चिंता थी ना साग सब्जी की ।सरला जी और मदन लाल जी सब कुछ अपडेट करके रखते थे।बाहर के काम जैसे सब्जी फल लाना,बिजली बिल भरना सब मदन लाल जी देखते ।राशन मे क्या कमी है वो सरला जी देखती थी । बस नंदिनी को तो समय पर भोजन बनाना होता था । बहुत से छोटे छोटे काम सरला जी कर देती थी जिससे नंदिनी को बहुत सहायता मिल जाती थी। नंदिनी का सारा गुस्सा पति पर ही निकला,"अब मै अकेले क्या क्या करूं ।आज राशन लाने मे ही इतना समय लग गया।"
उधर सरला जी को भी बहू की कमी खलने लगी ।माना नंदिनी थोडी लापरवाह थी लेकिन समय पर स्वादिष्ट भोजन तैयार करके सब को खिलाती थी।एक दिन सरला जी का मन खुल ही गया मदन जी के आगे,"एक बात कहूं।बहू कैसी भी थी पर खाना बड़ा सवाद बनाकर खिलाती थी।मेरे से अब चौंका चुलहा होता नही है। घर मे भी रौनक लगी रहती थी ।कभी कहती "मम्मी जी ढोकला बना दूं तो कभी कचोरी" सच मे अन्नपूर्णा थी नंदिनी "
मदन लाल जी खिलखिला कर हंस पड़े और बोले,"भागवान ,अपना समय भी देखो जब तुम इस घर मे ब्याह कर आयी थी तुम्हें ढ़ंग से रैटी बेलनी भी नही आती थी।सारा काम तुमने मेरी मां ओर बहनों से सीखा ।मै मानता हूं ये गृहस्थी तुमने अपने हाथों से संवारी है । लेकिन अगर हम ही युवा पीढ़ी के रास्ते का रोडा बन कर उसके विकास को रोक देंगे तो हमारे बच्चे अपने पैरों पर कैसे खड़े होंगे ।हमारा फर्ज है कि हम अपने बच्चों के मार्गदर्शक बने ना कि उनके रास्ते की अड़चन। अच्छा एक बात बताओ कल को ये दूध वाली घटना अपनी बेटी के हाथों हो जाती तो क्या तुम ऐसे ही करती?"
सरला जी को अपनी गलती का अहसास हो गया था ।वो तुरंत बोली ,"चलों बच्चों को मना लाते है।"
वे दोनों जैसे ही नवीन के घर पहुंचे तो देखा वे सामान बांध रहे थे सरला जी हक्की बककी रह गयी और बोली,"अब क्या शहर छोड़ने का भी इरादा है क्या ?"
नवीन और नंदिनी ने दौड़ कर सरला जी ओर मदन जी के पैर छूए और बोले,"नही मां ।हम तो घर जा रहे है।"
"कहां बहू के मायके।" सरला जी हतप्रभ थी।
नवीन हंसते हुए बोला,"नही मां कल नंदिनी को अपनी गलती का अहसास हो गया ।रात से ही कह रही है मम्मी जी और मैं , हम दोनों एक दूसरे के पूरक थे चलों ना अपने घर चलते है। इसलिए नंदिनी अपनी ससुराल जा रही है‌।"
सरला जी ने पैरों मे बैठी नंदिनी को उठाकर सीने से लगा लिया और बोली ,"चलों बहू अपने घर।"
नवीन और मदन लाल जी सास बहू के मिलाप को अश्रुपूरित नेत्रों से देख रहे थे।

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रचनाएँ
साढ़ा चिड़ियां दा चम्बा वे........
5.0
बेटियां क्यों पराई हो जाती है । क्यों वो हक से अपने अपने मायके नही आ पाती ।उसके दो घर होने के बाद भी कोई घर नहीं होता। मां कहती हैं पराई है और सास कहती हैं पराये घर से आई है बड़ी गजब रचना हूं मैं तेरी भगवान। बेटी बन कर भी पराई ,बहू बन कर भी पराई।।
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साढ़ा चिड़ियां दा चम्बा वे........

6 अगस्त 2023
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"साढा चिड़िया दा चम्बा है बाबल अंसा उडड जाना।साढी लम्बी उडारी वे ।के मुड़ असा नहीं आना...."संगीता पड़ोस में किसी लड़की की शादी में हल्दी की रस्म हो रही था वहां बैठी ये गीत सुन कर भाव विभोर हो गयी। क्य

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पराई

7 अगस्त 2023
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मैं अपने घर से भाग जाना चाहती थी, लेकिन मैं जाती भी तो कहाँ ? ट्रेन के डिब्बे मे मेरे पास वाली सीट पर दो महिलाएं बैठी थी।शायद दोनों सहेलिय

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सिन्दूर की कीमत

7 अगस्त 2023
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शोभा आज अपनी बालकनी में खड़ी प्रकृति को निहार रही थी ।उसने और सौरभ ने कल ही मकान शिफ्ट किया था पहले ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे इसलिए आस-पड़ोस का कुछ भी पता नहीं चलता था लेकिन अब बड़ी सोसायटी में आ गये थ

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उसका बड़प्पन

8 अगस्त 2023
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मेरे चाहे न चाहे वह वैष्णवी रोज ही सारे मोहल्ले से कलेवा बटोर कर मेरे आंगन में आकर रोज सुबह पसर जाती।न अनुमति की आवश्यकता, न हीं आग्रह !बस जैसे उसका ही आंगन हो...भांति भांति की पुड़िया खोल कर अपनी क्षु

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वाह रे ! तेरा न्याय भगवान

9 अगस्त 2023
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आज अमित का गुस्सा सातवें आसमान पर था क्योंकि मनु ने मायके जाने के लिए बोला था ।अमित को कभी भी उसका मायके जाना नहीं सुहाता था।हर बार कोई ना कोई अड़ंगा लगा कर मनु को मायके जाने से रोक ही लेता था।आ

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सर्द हवाएं

13 अगस्त 2023
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"रमुआ जा जाके लकड़ी का इंतजाम कर ।देख सारी रात की मरी पड़ी मां कैसे लकड़ी की तरह अकड़ गई है।" कमली ने रमुआ को झिंझोड़ते हुए कहा।सारी रात रमुआ और कमली अपनी मरी हुई मां के पास बैठे रहे ।सोलह साल क

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हर घर तिरंगा

14 अगस्त 2023
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"भाईयों और बहनों ।जैसा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ आ रही है तो मै चाहता हूं भारत के हर घर मे तिरंगा लहराना चाहिए।"भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण टीवी पर आ रहा था ।चमेली और उसका पति दिहाड़ी

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बस...अब और नही

20 अगस्त 2023
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वह परिवार अभी हाल - फ़िलहाल ही इस नए मोहल्लें में शिफ्ट हुआ था।छः लोगों के इस परिवार में पति - पत्नी और दो बेटियों के अलावा, बुज़ुर्ग माता - पिता ही थे।अभी मोहल्लें के किसी भी परिवार से इस नए परिवार क

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पापा की आवाज

22 अगस्त 2023
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अपने फ़ोन की फ़ोन बुक में एक नंबर ढूंढ रही थी कि पापा जी का कांटेक्ट नंबर आ गया।उंगलियाँ वहीं थम गईं।तीन चार बार प्यार से फ़ोन पर हाथ फिराया।मेरे पापा- मेरे प्यारे पापा ! जितना लाड़ प्यार मैने अपने

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तड़प

30 अगस्त 2023
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"सोमेश वो देखो उस महिला को सड़क के किनारे इतनी रात गए बैठी है! चलो ना देखते हैं""पारु रहने दो ना किस झमेले में फंस रही हो! पता नहीं कौन है! और इतने रात गए क्यों सड़क पर बैठी है!"इसलिए तो कह रही हूँ ना

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मां कौन कहेगा?

13 सितम्बर 2023
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पूरे घर में हवन का धुआं फैला हुआ था, अग्नि में जलती हुई हवन सामग्री की सुगंध चारों ओर फैल रही थी। सामने दो तस्वीरों पर हार चढ़ा हुआ था। रतन के लिए यह तस्वीरें प्रश्न की कड़ियों से जुड़ गई थी। एक

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मेरे अपने

20 सितम्बर 2023
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" तू मुझे किस आस से मुंह दिखाने चला आया बेशर्म। तूने क्या सोचा था तू अपनी पसंद की ऐरी गेरी किसी भी लड़की से शादी कर लेगा और मैं तुझे माफ कर दूंगी।जा निकल जा घर से और तुम दोनों का चेहरा मैं आज से कभी न

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जाने कौन से देस

25 सितम्बर 2023
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आज निशा का मन बडा उदास था।मन किसी भी काम में नही लग रहा धा।पति और बच्चों को स्कूल और ऑफिस भेज कर वह बरतनों को समेटने लगी।पर मन तो कहीं टिक ही नहीं रहा था।सब कुछ छोड़ कर न

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निर्भया ही नहीं हूं मैं....बस

25 सितम्बर 2023
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आज हर जगह निर्भया ही निर्भया का जिक्र हो रहा है।क्या आप ने कभी सोचा।केवल शारीरिक शोषण ही शोषण नही होता ।मानसिक शोषण भी एक प्रकार का बलत्कार ही है बस कोई घटना प्रकाश मे आ जाती है तो चारों तरफ त्राहि त्

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आ अब लौट चलें

25 सितम्बर 2023
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मां ... मां तुम रो कयो रही हो ,बताओ ना मां.."शिल्पी एकदम से हड़बड़ा कर उठी। कर्ण ने उसको झिंझोड़कर उठाया,"क्या हुआ है शिल्पी तुम नींद मे बडबडाते हुए क्यों रो रही हो?"शिल्पी ने जब अपने आप को सम्ह

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चलों ना अपने घर

25 सितम्बर 2023
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हाय राम ! ये बहू है या आलस की पुड़िया। कोई काम भी पूरा नही करती ।ये देखो कोने मे कचरा पड़ा रह गया और ये महारानी कह रही है कि इसने झाड़ू लगा दी।देखो सूखे कपड़े भी ज्यों के त्यों पड़े है यूं नही कि सब क

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मेरा वजूद

25 सितम्बर 2023
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निशा मेरा टावल कहां है ।ओहो कितनी बार कहा है तुमसे मेरी सारी चीजें निकाल कर सही समय पर मुझे दे दिया करो पर तुम हो के सुनती ही नही।" पचपन साल के सुरेंद्र जी अपनी बावन साल की पत्नी निशा पर बरसने लगे जब

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मैं जीत कर भी हार गयी

25 सितम्बर 2023
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बुआ शब्द सुन,लता की आंँखें फटी की फटी रह गईं।प्रश्न भरी निगाहों से सुनील की तरफ देखा।वो नजरें चुरा रहा था।सुनील से बोली, "क्या जवाब दूंँ !बताइए ना।"दूर से, तरसती आंँखों से माँ भी बेटे के जवाब का इंतजा

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आख़िर तुम चुप क्यों हो

28 सितम्बर 2023
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आखिर तुम चुप क्यों हो?सुगंध के घर में बरसों से बंद पड़े, पीछे के कमरे में (जो घर के बेकार हो चुके सामान से भरा पड़ा था कि ना जाने कब किस सामान की ज़रूरत पढ़ जाये?) बस वहीं छोटी–छोटी अधूरी श्वास लेती हवा म

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म्हारी छोरियां के छोरा से कम है

28 सितम्बर 2023
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गीता के फोन की घँटी लगातार बज रही थी। उसने आंख औ तो देखा रात के दो बजे रहे है। फोन पर उसके मायके की नौकरानी शारदा काकी का नंबर फ़्लैश हो रहा था फोन उठाया देखा तो सत्रह मिस कॉल।उसने घबराहट में तुरंत फोन

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