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डायरी

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डायरी दिनांक १९/०३/२०२२ शाम के चार बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं ।   आज कुछ देर के लिये आफिस गया। हालांकि आज छुट्टी का सा माहौल था। देहाती इलाकों में आज भी होली खेली जाती है। आज सहायक और चालक दोनों

नशे में बहकते नन्हें कदम   वैसे कोई भी समय ऐसा नहीं रहा जिसे पूरी तरह निष्कलंक कहा जा सके। जिस काल को पूर्ण सात्विक काल कहा जा सके। कुरीतियों से कोई भी काल पूरी तरह नहीं बचा है। पूर्ण सतयुग मात्र

डायरी दिनांक १६/०३/२०२२   शाम के छह बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं ।   दिनांक १२ दिसंबर २०२१ से वैराग्य पथ - एक प्रेम कहानी लिखना आरंभ किया था जो कि आज दिनांक १६ मार्च २०२२ को पूर्ण हुआ। इस उपन्

डायरी दिनांक १५/०३/२०२२ - सायंकालीन चर्चा शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं ।   अपने मन के विचारों को बिना झिझक के लिखते जाना डायरी लेखन का अच्छा प्रारूप है। जिसमें लेखक अपने मन के भावों को लिख

डायरी दिनांक १४/०३/२०२२ - छोटी डायरी   रात के सात बजकर तीस मिनट हो रहे हैं ।   अभी बहन चुनमुन ने कहा कि आजकल मैं बहुत ज्यादा छोटी डायरी लिख रहा हूँ? चुनमुन की बात सही है। ऐसा नहीं है कि मेरे

डायरी दिनांक १३/०३/२०२२ - संध्या कालीन चर्चा   शाम के छह बजकर दस मिनट हो रहे हैं ।   आज सुबह आदरणीय श्री सूर्यनारायण जी का फोन आया। सूर्यनारायण जी बहुत मधुर स्वर में बात करते हैं। बहुत अनुभव

डायरी दिनांक १२/०३/२०२२ शाम के पांच बजकर पचास मिनट हो रहे हैं ।   वैसे तो द्वितीय शनिवार का अर्थ आराम फरमाना माना जाता है पर ऐसा आराम मेरे भाग्य में नहीं है। लगातार नियमित ड्यूटी का प्रभाव है कि

डायरी दिनांक ११/०३/२०२२- सुबह की राम राम सुबह के नौ बज रहे हैं।   आज सुबह सुबह उपन्यास वैराग्य पथ का ग्यारहवाँ भाग लिखने का प्रयास किया पर मन उस अवस्था पर नहीं मिला जो कि इस उपन्यास के आखरी भागो

दोपहर के १ बजकर दस मिनट हो रहे हैं ।  कई बार अपने मन की शांति के लिये अपने मन के विचारों को व्यक्त करना बहुत कठिन हो जाता है। खासकर उस स्थिति में जबकि आप पहले ही किसी गलत बात का विरोध कर चुके हों

डायरी दिनांक १०/०३/२०२२ - सुबह की राम राम   सुबह के नौ बज रहे हैं।   मतगणना आरंभ हो चुकी हैं। आज एटा शहर का बाजार बंद रखा गया है। हमारे विभाग के कुछ अधिकारियों की ड्यूटी जिला निर्वाचन अधिकार

डायरी दिनांक ०९/०३/२०२२ शाम के छह बज रहे हैं।   आज मैंने अपने उपन्यास वैराग्य पथ - एक प्रेम कहानी का पचासवां भाग लिखकर प्रकाशित कर दिया। तीन घंटे त्रेपन मिनट का धारावाहिक लिखा जा चुका है। अभी लगभ

डायरी दिनांक ०८/०३/२०२२ शाम के पांच बजकर बीस मिनट हो रहे हैं ।   बहन अनिला तिवारी ने सुबह कहा कि भैय्या। आप लड़का होकर भी डरते हैं। तो मैं यही कहना चाहता हूं कि लड़के हमेशा लड़कियों की अपेक्षा ज्

डायरी दिनांक ०७/०३/२०२२ शाम के चार बजकर तीस मिनट हो रहे हैं ।   आज कार्यक्षेत्र में काफी सफलता मिली तथा घर वापसी भी जल्दी हो गयी। लगता है कि सफलता और असफलता दोनों ही ईश्वर के आधीन हैं। तभी तो कहा

डायरी दिनांक ०५/०३/२०२२ - अहंकार और स्वाभिमान में अंतर   दिन के दस बजकर बीस मिनट हो रहे हैं ।   अहंकार और स्वाभिमान के मध्य बहुत थोड़ा अंतर है। बहुधा स्वाभिमान को अहंकार समझने की भूल हो जाती

डायरी दिनांक ०५/०३/२०२२  शाम के पांच बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं ।   कभी कभी जो सही बात को समझ भी नहीं रहे, वे भी अपनी राय देने लगते हैं। क्योंकि राय देने मेंं ज्यादा परिश्रम नहीं करना

डायरी दिनांक ०४/०३/२०२२   शाम के पांच बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं ।    सफलता आत्मविश्वास बढाती है तो पूरे प्रयासों के बाद भी कार्य में असफलता मन को खिन्न कर देती है। कभी कभी बना बनाया का

डायरी दिनांक ०३/०३/२०२२ शाम के छह बज रहे हैं।   आज विभागीय काम से कासगंज गया था। कोरोना के बाद पहली बार शहर से बाहर फील्ड वर्क के लिये गया तथा कोई समस्या नहीं आयी। कोरोना के बाद जब आफिस जोइन किया

दिनाँक : 23.02.2022समय :  रात 9 बजेप्रिय डायरी जी,ना हो ए-दिल इतना भी हलकान,जिंदगी का फ़लसफ़ा है अनोखा।कभी खिलती है चेहरे पर मुस्कान,तो कभी देती है कमबख्त धोखा।।गीता भदौरिया

नमस्कार मित्रों आज माघ पूर्णिमा है ।सन्त रविदास जी की जयंती भी है। एक इलाहाबादी माघ के माह का हमेशाआ इंतज़ार कर्तव्य है क्योंकि इसमें संगम तट पर माघ मेला लगता है। रविदास जी ने एक बात बोल

नमस्कार मित्रों 🙏आज 16 फरवरी है दिन बुधवार ,सर्वप्रथम कल के लिए सखियों आप सब से मांफी माँगूँगी कल प्रेग्नेंसी के दूसरे माह के चेकअप के लिए अस्पताल जाना पड़ा फिर समय नही मिला। सुबह की शुरुवात हुई

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