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डायरी

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डायरी दिनांक १७/०५/२०२२ - मेरी पसंदीदा पुस्तक  सुबह के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं ।   यदि मैं अपनी सभी पसंदीदा पुस्तकों का नाम लिखूं तो शायद ही यह डायरी पूरी कर पाऊं। बचपन से ही बाबूजी

डायरी दिनांक १६/०५/२०२२   शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं ।   अवकाश होने के बावजूद भी आज सुबह सुबह आफिस जाना पड़ा। सुबह ही अनुमान लग गया कि कुछ सेवाएं बाधित हैं। फिर सुबह सुबह आफिस पहुंच

डायरी दिनांक १५/०५/२०२२  शाम के पांच बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । आज का दिन बड़े आराम से बीता। दिन भर घर में आराम किया। अच्छा पठन पाठन भी हुआ। धारावाहिक गीता के दो भाग भी आज लिखे । इस बार सभी

डायरी दिनांक १२/०५/२०२२ शाम के छह बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं ।   कल की डायरी पर बहन मीनाक्षी शर्मा ने समीक्षा कर पूछा कि किस तरह एक पढी लिखी महिला अनपढ़ की तरह आचरण कर सकती है। इस विषय में बहुत

डायरी दिनांक ११/०५/२०२२ शाम के पांच बजकर तीस मिनट हो रहे हैं ।   एक साहित्यिक मंच ने मुझे एक साहित्यिक प्रतियोगिता के लिये निर्णायक बनाया जिसमें मेरे दिये विषय हार में जीत पर आठ कविताएं प्राप्त ह

डायरी दिनांक १०/०५/२०२२शाम के सात बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं ।  आज वरिष्ठ अधिकारी से थोड़ा वाद विवाद हो गया।  जिस कारण थोड़ा दिमाग खराब हुआ।  आज के दिन ही माता सीता धरती पर अवतरित हुई थ

डायरी दिनांक ०९/०५/२०२२   शाम के पांच बजकर पैंतालीस मिनट हो रहे हैं ।   आज का दिन कुछ व्यस्तता भरा रहा। आज डाक्टर को दिखाने जाना था। आफिस जाने से पूर्व उन्हें दिखाने गया। इस तरह आज आफिस के ल

डायरी दिनांक ०८/०५/२०२२  शाम के तीन बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं ।  कोई भी काम तभी तक कठिन होता है, जब तक कि उसे करने का प्रयास न किया जाते। प्रयास करने पर प्रायः सफलता मिल ही जाती है। फिर वह

डायरी दिनांक ०७/०५/२०२२  शाम के पांच बजकर पचास मिनट हो रहे हैं ।  अंत हमेशा नवीन आरंभ की भूमिका तैयार करता है। किसी भी कार्य का अंत होते ही नवीन कार्य आरंभ होने लगता है।  आज कल्याण का म

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डायरी दिनांक ०६/०५/२०२२   शाम के छह बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं ।   जरा सी असावधानी बड़ी परेशानी खड़ी कर देती है। आज बर्तनों में पानी नहीं भरा। फिर अचानक समर की फिटिंग में फाल्ट आ गया। टंकी म

डायरी दिनांक ०४/०५/२०२२   शाम के तीन बजकर तीस मिनट हो रहे हैं ।   आज घर व्यवस्थित करने के लिये अवकाश लिया था। फिर आज डाक्टर को भी दिखाने जाना था। क्योंकि उस दिन तो डाक्टर साहब ने मात्र एक दि

डायरी दिनांक ०३/०५/२०२२   सुबह के आठ बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं ।   आज अक्षय त्रितिया है। भगवान परसुराम की आज जयंती है। भगवान परसुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। उनकी गिनती महर्षियों में

डायरी दिनांक ०२/०५/२०२२   शाम के पांच बजकर बीस मिनट हो रहे हैं ।   आज आफिस में ही पहले जैसी परेशानी होने लगी। फिर आफिस से घर आ गया। फिर मम्मी की सलाह से विचार किया कि अब किसी डाक्टर को ही सम

डायरी दिनांक ०१/०५/२०२२ दोपहर के एक बजकर बीस मिनट हो रहे हैं ।   शुभाशुभ का जीवन में क्या महत्व है। नवीन कार्य हमेशा शुभ समय पर ही किया जाता है। उम्मीद यही रखी जाती है कि आगे सब शुभ होगा। फिर भी

डायरी दिनांक २९/०४/२०२२  शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं ।  जो नवीन मकान तलाश किया है, उसके गृहस्वामी जी ने संदेश दिया कि मकान की पैंटिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। फिर थोड़ी ही देर में

डायरी दिनांक २८/०४/२०२२ रात के आठ बज रहे हैं।   कभी कभी बहुत छोटी छोटी लगती बातें बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं। छोटी छोटी बातों से बड़ी से बड़ी समस्या हल हो जाती है। आज इसका खुद अनुभव किया। हु

डायरी दिनांक २७/०४/२०२२   रात के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं ।   आज डायरी लिखने का विचार तो शाम का ही था। पर कतिपय कारणों से उस समय कुछ व्यवधान आ गया। जब घर पर कोई मिलने बाला आ जाये, उस समय

डायरी दिनांक २६/०४/२०२२ शाम के छह बज रहे हैं।   अप्रेल का महीना समाप्त होने जा रहा है। इसी के साथ सीरीज लेखन पूरा करने का टार्गेट समय पास आता जा रहा है। वैसे पूरी उम्मीद है कि धारावाहिक तय समय स

डायरी दिनांक २५/०४/२०२२  रात के नौ बज रहे हैं।  आज मैनपुरी तारीख पर गया। अत्यधिक गर्मी और अदालत की कार्रवाई में देरी से बहुत ज्यादा थकान हो गयी। खुद दो बोतल पानी लेकर गया था जो कि अदालत में

डायरी दिनांक २४/०४/२०२२   शाम के पांच बजकर पांच मिनट हो रहे हैं ।    वर्तमान मकान में कुछ समस्याएं हैं। पर उससे भी बड़ी समस्या मकान मालिक के परिजनों का आपसी मतभेद है। मकान अंटी जी का है

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