जीवन में जब उम्मीद की कोई भी किरण शेष न रहे उस स्थिति में भी कोशिश और धैर्य इन दो चीजों का परित्याग नहीं करना चाहिए।
कोशिश - ये तो आप सभी ने सुना ही होगा कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।।जब आपको लगे कि उम्मीद के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं उस स्थिति में भी आपकी कोशिशें जारी रहनी चाहिए।
जिस प्रकार से कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है, उस प्रकार से अंतिम क्षणों में भी पूरी लगन के साथ किया गया आपका प्रयास बाजी पलट सकता है।
धैर्य - कितनी भी विकट परिस्थितियां आ जाएं पर मनुष्य को धैर्य का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए। अगर पतझड़ रुपी प्रतिकूलताएं ही आपको चारों ओर से घेर रखी हों तो धैर्य रखिए! भंवरों की गुंजार और चिड़ियों की चहचहाहट को लेकर एक नया वसंत जरूर आने वाला है।
धैर्यपूर्वक कोशिश करो जीवन के परिणाम ही बदल जायेंगे।