देखिये विडियोबेंगलुरु में स्कूल एनुअल डे फंक्शन पर हुआ भीषण हादसा मौके पर 9 छात्रो की मौत हो गयी चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
1/ 12पंजाब नेशनल बैंक में हुई बड़ी धोखाधड़ी के बाद यह सवाल लोगों के जेहन में घुमड़ने लगा है कि क्या बैंकों में जमा उनके पैसे डूब जाएंगे? महज चंद सप्ताह पहले ही अफवाह थी कि बैंक से जुड़े कुछ ऐसे नियम बनने जा रहे हैं, जिससे बैंकों में जमा आम आदमी के पैसे की गारंटी सरकार की नहीं रह जाएगी. और अगर वे प
भारत में अंग्रेजी अब इंटरनेट पर प्रयोग में लाई जाने वाली प्रमुख भाषा नहीं रह गई है। बड़े पैमान पर हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग ने देश में अंग्रेजी के प्रयोग को पछ़ाड दिया है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक देशी भाषाओं का प्रयोग साइबर स्पेस में लगातार बढ़ता जा रहा है। हिंदी इनमें सबसे आगे
Highlightsक्या कभी आप निर्वस्त्र घूम रहे बच्चे की मदद के लिए रुके हैं?क्या आप आपने गरीबी और अन्याय पर संवेदनशील हुए हैं?यह तस्वीर इंसानियत को बयां करने के लिए काफी है।आधुनिकता के इस वर्तमान समय में आज इंसान ने भौतिकवाद को ही अपना ख़ास उद्देश्य बना लिया है। इंसानियत कहाँ तक गिर चुकी है, इसका अंदाज़ा लग
भारत में आज भी मुहं दिखाई की रश्म है, यह रश्म आज की नहीं प्राचीन काल की है. रामायण के अंश में मुहं दिखाई से जुड़ा एक अंश भी है. इस अंश में बताया गया है की श्री राम ने माता सीता को मुहं दिखाई पर क्या दिया था. वैसे तो आप यह जानने के लिए उत्सक हो पर मैं आपको यह बताने से प
चंद्र ग्रहण के दौरान तो कई काम निषेध बताए गए हैं लेकिन ग्रहण खत्म होने के बाद इसके नकारात्मक प्रभाव खत्म करने के लिए भी कुछ उपाय जरूरी हैं -1. सूबह-सुबह स्नान कर के धुले हुए कपड़े ही पहनें।2. ग्रहण के वक्त पहने कपड़ों को किसी गरीब को दान दे देना चाहिए।3. स्नान करने के बाद ही पूजा घर में प्रवेश क
Vasant Panchami 2018बसंत पंचमी का यह त्यौहार बसंत ऋतु के आगमन और माँ सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। किसान इस त्यौहार का विशेष रूप से इंतज़ार करते हैं। बसंत पंचमी से सरसों के खेत सोने के समान दिखने लगते हैं। बसंत ऋतु के आगमन से चना, जौ,
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोल्कता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था, उनका असली नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था, वह एक शिक्षित परिवार से थे, उनके पिता कोल्कता हाई कोर्ट में वकील थे, वह बचपन में बेहद शरारती थे लेकिन उनके घर का माहोल बेहद अध्यात्मिक और धार्मिक था, दर्शन, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज
शब्दों का अपने-आप में कोई खास महत्व नही। चारों ओर शब्द ही शब्द हैं। मगर, फिर भी उनका किसी पर असर हो, इसके लिए शब्दों की अच्च्छाई और उपयोगिता तभी बन पाती है जब शब्दों को बेहद उम्दा और ढेर सारे प्यार, आस्था और अपनेपन से स्वीकार किया जाए।शब्द तभी कामयाब और असरदार होते हैं जब उनको सुनने वाले की कहने वाल
कई खाड़ी देशों के हालात बद से बदतर हो चुके हैं। भयानक बमबारी और केमिकल वॉर के चलते जिंदगी ने वहां से पलायन कर लिया है। जो लोग बचे हैं वो मलबे में अपना आशियाना बनाए किसी चमत्कार का इंतजार कर रहे हैं। सीरिया के हालात किसी से छिपे नहीं हैं, हालात ऐसे बिगड़े की 15-15 सदस्यों वाले परिवार बमुश्किल 1 या 2
बियर पीने से एक ख़ास तरह की मर्दानगी जुड़ी है. ये लड़कों को ‘कूल’ बनाती है, वरना वो चलते-फिरते गाड़ी में बियर पीकर बोतलें सड़क पर न फेंकते. गाड़ी पार्क कर बोनट पर बैठकर बियर पीते हुए फोटो न खिंचाते. रात सड़क पर चलती हुई लड़कियों पर बियर न फेंकते. शराब मर्दों का एरिया है. इसमें औरतें घुसती हैं तो ज़माने को को
सब मिथ्या है, कहता तो हर कोई है,नश्वर है हर यथार्थ, जानते सभी हैं,झलावा है जो होने जैसा दिखता है,माया है जिसने सबको भरमाया है...अपना तो खुद का वजूद भी नहींगोया सोच भी अपनी मिल्कियत नहीं,‘मैं’ का उन्माद मूर्खता की नुमाइश है,चैरासी लाख जन्मों का यही सरमाया है...?जब सब ‘शून्य’ है तब यह हाल है,इंसान किस
हमारे एक चचा जान हमारी रोज बढ़ती औकात से हमेशा दो मुट्ठी ज्यादा ही रहे। इसलिए, भले ही कई मुद्दों पर उनसे हमारी मुखालफत रही पर उनकी बात का वजन हमने हमेशा ही सोलहो आने सच ही रक्खा।वो हमेशा कहते, जो भी करो, सुर में करो, बेसुरापन इंसानियत का सबसे बड़ा गुनाह है। लोग गरीब इसल
समय बड़ा बलवान है। यहाँ कभी भी कुछ भी हो सकता है। अगले पल क्या होगा यह कहना असंभव है। लेकिन राशि और हाथों की लकीरें इस बारे में जरूर कुछ इशारा देती हैं। 2017 की शुरुआत में आप में से कई लोगों ने अपना वार्षिक राशिफल देखा होगा। उनमें से कई घटना
नए करेंसी नोटों में भी कई भाषाएं दिखती हैं.14 सितंबर. बोले तो हिंदी दिवस. सरकार भी यही कह रही है. हिंदी बोलो. अब जिन्हें हिंदी आती है, उन्हें तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन जिन्हें नहीं आती है, वो ट्विटर पर दंगा काटे पड़े हैं. हर बार हिंदी दिवस के मौके पर ट्विटर पर ये हैशटैग ट
सबके अपने-अपने तयशुदा सांचे होते हैं,इश्क भी सांचों की खांचों में फंसे होते हैं।मां-बाप, भाई-बहन, जोरू-सैंयां सब सांचे हैं,आप अच्छे जब सबके सांचों में ठले होते हैं।प्रेम, रूप-स्वरूप की आकृति से परे बेवा है,हम तो ईश्वर को भी पत्थरों में कैद रखते हैं।सफलता-विफलता के भी सरगम तय छोड़े हैं,रिश्तों की रागद
रायन इंटरनेशनल स्कूल में मारे गए प्रद्युम्न ठाकुर के पिता विशाल ठाकुर (यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)8 सितंबर, 2017 को गुड़गांव के रायन इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युम्न ठाकुर नाम के एक बच्चे की हत्या हो गई. इल्ज़ाम लगा स्कूल में बस कंडक्टर अशोक पर. पुलिस जांच कर रही है, जिससे बच्चे
शाहरुख और अनिल ने 1995 में आई फ़िल्म त्रिमूर्ती में साथ काम किया था.मेड इन इंडियाएक दिल चाहिए दैट्स मेड इन इंडियाअलीशा चिनॉय के इस गाने को आए 20 साल हो गए. गाने में अलीशा को अपने सपनों के राजकुमार की तलाश है. राजकुमारी एक के बाद एक लड़के को