मौतमेंअपनाअस्तित्वतलाशतामीडियाआजकलजबटीवीऑनकरतेहीदेशकालगभगहरचैनल "सुशांत केस में नया खुलासा" या फिर "सबसे बडी कवरेज" नाम के कार्यक्रम दिन भर चलाता है तो किसी शायर के ये शब्द याद आ जाते हैं, "लहूकोहीखाकरजिएजारहेहैं,हैखूनयाकिपानी,पिएजारहेहैं।" ऐसालगताहैकिएकफिल्मीकलाकारमरतेमरतेइनचैनलोंकोजैसेजीवनदानदेगय
पहले ज़रुरत थी आदमी को, केवल रोटी- कपड़ा - मकानआज लग रहा है यह नारा, कि ' मेरा मोबाईल महान 'क्रांति लाई है इसने, आया युग जानकारी काघर बैठे काम हो गए, नहीं इंतजार अब बारी काई - कॉमर्स से घर पहुंचते हैं छोटे - बड़े सामानआज लग रहा है यह नारा, कि ' मेरा मोबाईल महान 'बना यह घर का सदस्य, बसा यह सबके दिल म
यह सोचना स्वाभाविक है कि बहुमत से चुनाव जीतनेवाला व्यक्ति बाकी लोगों की तुलना में अधिक लोकप्रियहोगा। तब यहस्वाभाविक है कि मैंआश्चर्यचकित हो जाऊं जब इस व्यक्ति को राष्ट्रीय मीडिया में अधिकतम बुरा-भला कहा जाए।दूसरी ओर, दुनिया भर में होने वाली उसकी प्रशंसा भी मुझे आश्च
हिमा दास भारत की शानपाँच गोल्ड जितकर अपनी आधी कमाई असम में बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगाने पर भी इस महान खिलाड़ी की मीडिया में कोई चर्चा तक नहींवाह रे देश के अंधे मीडिया हीरोइनो की हि बोल्डनेस को हि केवल महत्व देना।हारने के बाद भी क्रिकेटर सुर्खियों में हैं, और दुसरी तरफ हिमा दास लगातार एक महीने में
सैफीना के बच्चे को जब मीडिया ने खाने-पीने से लेकर, उठने बैठने तक की बे-बुनियादी खबरों में बार-बार दिखाया तो ना जाने क्यों मुझे मरते बच्चों का चेहरा बार-बार याद आया। हां बच्चे ही तो थे, अपने थोड़ी थे, ना उस दोगली मीडिया के थे। ये बच्चे त
क्या कल आपने किसी मीडिया चैनल पर या किसी समाचार पत्रमें छतिसिंहपोरा नरसंहार के विषय में एकशब्द भी सुना या पढ़ा? क्या किसी ह्यूमन-राइट्स वाले को इस नरसंहार की बात करतेसुना? वह लोग जो आज़ादी के नारे लगाते है या वह नेता जो उनकेसमर्थन में खड़े हो जाते हैं या वह जो आये दिन नक्सालियों के लिए आवाज़ उठाते हैं
होई पतन विकासके साथ।नेता कहतेहैं भारत का विकास हो रहा हैं।गाँव मे नहर, तालाब, कुआँ सूख रहा हैं।कहने को पैसाबहुत हैं सरकार के पास मे।नेशनल हाईवेके गड्डो से धूल उड़ रहा हैं।पुराने पुलभरभरा जाते हैं रेल की धमक से।मौत जिसकीहोती हैं वह उसकी किस्मत थी।सरकार को यहपता हैं इसपुल से कौन आतंकी गुजरा था?सरकार को
"सोशल मीडिया पर साहित्य- लाभ या हानि" "हानि लाभ जीवन मरन जस अपजस बिधि हाथ", बाबा तुलसी दास जी ने कुछ भी नहीं छोड़ा, हर विषय पर कटु सत्य को उजागर कर गए। काश उस समय सोशल मीडिया होता तो हमें अपने मन से कुछ भी लिखने की जरूरत न पड़ती और हम कट, पेष्ट या गूगल सर्च करके उन्हीं के विचार छाप देते और सम्मानित हो
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जीवन और व्यक्तित्व को लेकर सोशल मीडिया पर कई अफवाहें हैं। उनके नाम को लेकर इंटरनेट पर कई लोग आपत्तिजनक बातें करते हैं। नेहरू के बारे में वर्चुअल वर्ड में अफवाहों की भरमार है। देश के पहले प्रधानमंत्री के बारे में कई अफवाहें हैं,
आपने आजतक सिर्फ गधों को ढेंचू ढेंचू करते तो सुना और देखा होगा लेकिन आज से पहले कभी गाना गाते हुए नहीं सुना और देखा होगा आज आपको इस विडियो में ये भी मिलेगा और ये विडियो मिला है फेसबुक पर जो मार्टिन स्टेनटन ने पोस्ट किया वो आयरलैंड के रहने वाले हैं उन्होंने इस गधी का ना
नई दिल्ली: दक्षिण पश्चिम ब्राजील में एक लड़की ने छेड़छाड़ कर रहे युवक को ऐसा सबक सिखाया जिसे वह पूरी जिंदगी भूल नहीं पाएगा। लड़की की ये हरकत उन लड़कियों और महिलाओं के लिए मिसाल है, जो अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों और हिंसाओं को चुपचाप सहती रहती हैं।पहले किया इग्नोर, फिर सि
वैसे तो इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा सेलिब्रिटी अपनी फोटोज़ और वीडियो को पोस्ट करते हैं और यूजर्स भी उनकी फोटोज़ को काफी लाइक करते हैं. लेकिन आज हम आपको किसी सेलिब्रिटी या नेता के बारे में नहीं बता रहे हैं बल्कि आज हम आपको एक साध्वी के बारे में बता रहे हैं.जिनकी खूबसूरती के
पाकिस्तान में असेंबली के चुनाव हो चुके हैं। वहां की कई ऐसी महिला राजनेता और सांसद ऐसी हैं जो काफी ग्लैमरस हैं और किसी फिल्म स्टार्स या मॉडल से कम नहीं लगतीं हैं।इस समय भी पाकिस्तान की एस ऐसी हैं नई सांसद हैं जो फिल्म स्टार्स या मॉडल जैसी दिखती हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी
pic credit-anthony bordarao(medium.com)वर्तमान दौर में सोशल मीडिया आम आदमी के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है।आप चाहे पत्रकार हों चाहे व्यवसायी हों,विद्यार्थी हो अथवा,किसी सरकारी विभाग में नौकरी करने वाले आम कर्मचारी।सोशल मीडिया ने खास से लेकर आम लोगों की ज़िंदगी पर गंभीर प्रभाव डाला है।व्यवसाय,
आज कल सोशल मीडिया लोगो की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है| इसके बहुत सारे फीचर है, जिसके द्वारा आप अपने विचार, सूचना, तस्वीरे, वीडियो आदि एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते है| सोशल मीडिया के समाज पर सकारात्मक और नकारत्मक दोनो ही प्रभाव देखने को मिलते है| सोशल मीडिया एक विशाल न
भारत में चलने वाली अधिकतर मीडिया के मालिक विदेशों में हैं, इसलिए हिन्दुत्व विरोधी हैंसितम्बर 2, 2017आपने अधिकतर मीडिया में देखा होगा कि हिन्दू देवी देवता हो या #हिन्दू साधु-संत हो या #हिन्दू त्यौहार हो या #हिन्दू संगठन की बात हो जब भी इनके बारे में कोई बात आती है तो #मीड
''गूंजे कहीं शंख कहीं पे अजान है , बाइबिल है ,ग्रन्थ साहब है,गीता का ज्ञान है , दुनिया में कहीं और ये मंजर नहीं नसीब , दिखलाओ ज़माने को ये हिंदुस्तान है .'' ऐसे हिंदुस्तान में जहाँ आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्शों की स्थापना और प्रेर
कहा गया है अति सर्वत्र वर्जयेत । आजकल सोशल मीडिया पर बहुत सारी बुरी बातें लिखी जाती हैं तो बहुत सारी अच्छी बातें भी लिखी जाती हैं । बहुत से लोग फेसबुक आदि पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिये यहाँ वहाँ से सुवचन और महापुरुषों के कथन कट पेस्ट शेयर करते रहते हैं । कुछ लोग तो पूरे समय इसी में जुटे रहते ह
कोई कुछ भी कहे मगर सोशल मीडिया ने समाज में उथल पुथल मचा रखी है , विश्वास नहीं होता तो इनसे पूछिए .... १) पत्रकार और मीडिया - ख़बरों के बाजार में इनकी अकेली दुकान थी जिसमे झूठ मनमर्जी कीमत पर भी बिक जाता था ! अब ये दुकान बंद होने के कगार पर है !२)लेखक और लेखन - विशेष कर हिन्दी में अब तक लेखन के ना
१४ फरवरी अधिकांशतया वसंत ऋतू के आरम्भ का समय है .वसंत वह ऋतू जब प्रकृति नव स्वरुप ग्रहण करती है ,पेड़ पौधों पर नव कोपल विकसित होती हैं ,विद्या की देवी माँ सरस्वती का जन्मदिन भी धरती वासी वसंत पंचमी को ही मनाते हैं .इस दिन विद्यार्थियों के लिए विद्या प्राप्ति के क्षेत्र में पदार्पण शुभ माना जाता है.य