भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जीवन और व्यक्तित्व को लेकर सोशल मीडिया पर कई
अफवाहें हैं। उनके नाम को लेकर
इंटरनेटपर कई लोग आपत्तिजनक बातें करते हैं। नेहरू के बारे में वर्चुअल वर्ड में अफवाहों की भरमार है। देश के पहले प्रधानमंत्री के बारे में कई अफवाहें हैं, जानें ऐसी ही कुछ अफवाहें...
नेहरू से जुड़ी ऐसी अफवाहें फैलाई जाती हैं
- जवाहरलाल नेहरू के दादा का नाम गियासुद्दीन गाज़ी था। वह मुगलों के कोतवाल थे। उन्होंने अपना नाम बदलकर गंगाधर नेहरू रख लिया था।
- नेहरू का जन्म इलाहाबद के एक वेश्यालय में हुआ था।
- नेहरू ने एक ईसाई नन को गर्भवती कर दिया था। चर्च ने उस नन को भारत से बाहर भेज दिया और इसके लिए नेहरू उसके आभारी थे। उनकी मौत सिफिलिस नाम के एक संक्रामक रोग से हुई।
- अमिताभ बच्चन नेहरू के बेटे हैं।
और भी हैं कई अफवाह
इन सब के अलावा भी नेहरू के बारे में आपको इंटरनेट पर काफी कुछ आपत्तिजनक जानकारियां मिल जाएंगी। इन बातों का असलियत से कोई लेना-देना नहीं। आजाद भारत की बुनियाद रखने में नेहरू का कितना योगदान है, इसे बताने की जरूरत नहीं। इंटरनेट पर आपको उनके बारे में ऐसी कहानियां/ सस्ती अफवाहें मिल जाएंगी कि आप ताज्जुब में पड़ जाएंगे।
डिजिटल मीडिया स्कॉलर निशांत शाह कहते हैं, 'इतिहास के मान्य और स्थापित तथ्यों से अलग कोई बात जब बताई जाती है, तो वह इंटरनेट पर काफी पढ़ी जाती है।'
नेहरू ने मारा था गांधी को
नेहरू के बारे में कई आपत्तिजनक और भ्रामक बातें दशकों से चलन में हैं। RSS के पूर्व सरसंघचालक के.एस. सुदर्शन ने दावा किया था कि नेहरू ने गांधी की हत्या की थी। सेंटा क्लारा यूनिवर्सिटी में मीडिया अध्ययन के प्रफेसर रोहित चोपड़ा ऑनलाइन हिंदुत्व पर भी काम करते हैं। उनका कहना है, 'ऐसी बातों ने कभी मुख्यधारा में पकड़ नहीं बनाई, लेकिन अब चूंकि ऑनलाइन की सुविधा है, तो ऐसी अफवाहों को वहां जिंदगी मिल जाती है।' वह आगे कहते हैं कि इंटरनेट पर मिल रही ये जानकारियां काफी दिक्कत पैदा करने वाली हैं क्योंकि काफी लोग ऐसे हैं जिनके लिए गूगल सर्च में सामने आई चीजें ही सच बन जाती हैं।
कट्टरपंथी हिंदुओं के निशाने पर हमेशा से थे नेहरू
कट्टरपंथी हिंदुओं के लिए नेहरू हमेशा से नफरत की चीज रहे हैं। मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा बताते हैं, 'विभाजन के बाद और खासकर गांधी की हत्या के बाद, नेहरू इस बात को लेकर पुख्ता कोशिशें कर रहे थे कि भारत किसी भी हाल में हिंदू पाकिस्तान ना बने। उन्होंने RSS को एक खतरे के तौर पर देखा। उसके बहुसंख्यकवादी विचारों के कारण नेहरू ने सार्वजनिक रूप से संघ की बार-बार आलोचना की।'
नेहरू ना केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा सम्मान पाने वाले, सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक रहे...
'नेहरू थे हिंदुस्तान के सबसे
यूट्यूब पर आपको नेहरू की छवि पर कीचड़ उछालने की कई कोशिशें दिख जाएंगी। एक विडियो में उन्हें 'हिंदुस्तान का सबसे अय्याश आदमी' ठहराया गया है और इसपर अभी तक लाखों व्यू आ चुके हैं। नेहरू को कहीं मुस्लिम बताया जाता है, कभी उन्हें पश्चिमी सभ्यता को मानने वाला बताकर खारिज किया जाता है।
नेहरू को 'छिछोरा' और 'व्यभिचारी' साबित करने की कोशिश
नेहरू के कई स्त्रियों से प्रेम संबंध थे, ऐसी बातें कहकर उनकी 'दिलफेंक' किस्म की छवि बनाने की कोशिश की जाती है। सोशल मीडिया पर अमेरिका के राष्ट्रपति कैनेडी की पत्नी और मृणालिनी साराभाई के साथ उनकी सामान्य सी तस्वीरों का इस्तेमाल देश के प्रथम प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए किया जाता है। अपनी बहन को हवाईअड्डे पर गले लगाते नेहरू की तस्वीर हो या फिर एक महिला के सिगरेट को जलाने में मदद करते नेहरू की तस्वीर, इनका इस्तेमाल कर उनकी प्रतिष्ठा को दागदार करने की कोशिश की जाती है।
इस तस्वीर में नेहरू तत्कालीन डेप्युटी ब्रिटिश हाई कमिश्नर की पत्नी का सिगरेट जला रहे हैं। इस तस्वीर का गलत इस्तेमाल कर उन्हें अय्याश साबित करने की कोशिश की जाती है...
नेहरू की छवि को दागदार बनाने की कोशिश
सेंटर फॉर इंटरनेट ऐंड सोसायटी के पॉलिसी डायरेक्टर प्रणेश प्रकाश ने पिछले साल केंद्र सरकार के एक IP अड्रेस से मोतीलाल नेहरू व जवाहरलाल नेहरू के विकीपीडिया पेज में गलत और आपत्तिजनक जानकारियां डालने की कोशिश की बात बताई। हाल ही में सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी सामग्रियों को ऑनलाइन करने के बाद एक फर्जी चिट्ठी को नेहरू द्वारा लिखी गई चिट्ठी कहकर प्रचारित किया गया। इस पत्र में नेहरू ने कथित तौर पर नेताजी को अपराधी कहा था।
नेहरू 'चोर'
एक स्टार्टअप कर्मचारी ने हाल में नेहरू के खिलाफ चलाए जा रहे अफवाहबाजियों से निपटने के लिए नेहरूवियन नाम से ट्विटर अकाउंट बनाया। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा, 'लखनऊ जाते हुए ट्रेन में मैं नेहरू की किताब 'भारत एक खोज' पढ़ रहा था। एक युवक ने मुझसे कहा कि 'क्यों पढ़ रहे हो इस चोर की किताब?'
मुश्किल होगा नेहरू को दरकिनार कर पाना
नेहरू को दरकिनार कर पाना बहुत मुश्किल काम है। उनके जाने के 52 साल बाद आज भी उनके नाम और उनकी विरासत को लेकर इतनी घबराहट है। इसके पीछे नेहरू का कद ही तो है। इस कद को अफवाहों के बाजार से छोटा कर पाना मुमकिन नहीं दिखता।