तुझे किताब से मुमकिन नहीं फरोग के तूं किताबें ख्वां है साहिब ए किताब नहीं
आशना - मोहब्बत
बेहर - समुद्र
मौजों - लहरों
इजतराब - बेचैनी
फरोग - फुरसत
किताबें ख्वां - किताब पढ़ने वाला
साहिब ए किताब - खुद किताब
14 अगस्त 2017
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