Covid-19
coronavirus Disease-2019
कोरोना वायरस के कहर से हम भलीभाँति अवगत हैं देश का मीडिया पल पल की खबर आप तक पहुँचाने में पूरी तरह सक्षम है पर लोकडाउन और कोरोना वायरस के कहर ने प्रवासी मजदूरों और गरीबों की कमर तोड़ दी है यह खबर शायद हि एक दो मीडिया चैनल वाले आपको थोड़ी सी दिखांए हजारों रूपए वाले ब्रांडेड कपड़े डालने वाले एंकर क्या उनका दर्द समझेंगे वो बस यह कह सकते हैं दारू पीने के लिए पैसे हैं यात्रा केे लिए नहीं ऐसेे पत्रकारों सेे एक ही बात कहना चाहूँगा कि पहले खुद शीशा देखो अपनी अय्याशियों पर तो एक नजर डाल लो देसी दारू की बोतल की कीमत तो आपकी अय्याशियों के आगे कुछ भी नहीं साहिब एक बात और सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स तो शराब से मिलता है ना तो वह क्यों बंद करने लगी नशे की दुकाने
मैकदे में किसने कितनी पी खुदा जाने
मगर मैकदा तो मेरी बस्ती के कई घर पी गया
(मेराज फैजाबादी)
गरीबों को तो काम काज ठप्प होने के कारण दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ रहे हैं और तुम्हें ठंडे ऐसी कमरे में बैठकर बातें बनानी आ रही है। अगर यह लोग किसी तरह से कोरोना वायरस के कहर से बच भी गए तो हो सकता है कि यह भूखमरी की चपैट में आ जाए तुम लोग बस आंकड़े ठीक बता देना इनकी पीड़ा पर कोई नहीं लिखेगा हां कोरोना वायरस पर आपको नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले कई लेख मिल जाएंगे देेख रहे हो ना बच्चेे की तस्वीर ना कोई ppe kit ना कोई सुध लेेेने वाला यह भी है एक सिपाही जो कर रहा है अपना काम बिना कोई सहानुभूति लिए की में बिमार माँँ को घर छोड़कर आया हूँ ना जााने ऐसे कितने बच्चे होंगे जिन्हें हम लोग देखकर भी अनदेखा कर देेेते हैंं। पत्रकार बाबू आप को तो बस ऐसी में बैैठकर एहसान जताना आता है हम आपके लिए यहां खबरें पढ़़ने आए हैंं शर्म करो।
इस मुश्किल घड़ी में सरकर के काम सराहनीय है विदेशों में फसे भारतीयों को लाने के लिए मुफ्त विमान सेवा है पर प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए मुफ्त रेल सेवा नहीं।
आखिर PM CARE FUND किस काम के लिए बनाया गया है कितना दुर्भाग्य है मेरे देश का गरीबों के नाम से मांगा गया पैसा गरीबों के काम ही नहीं आता।
इसके अलावा सरकारें जो टैक्स वसूलती हैं उससे तो बस सरकारी बाबूओ और मंत्रीयो की मोटी तनख्वाह, विदेश यात्रा, पार्टी के परचार या मूर्तियों पर खर्च किया जाता है या फिर झूठी शान दिखाने के लिए कोई चंद्रयान भेजा जाता है कोई बड़ा अस्पताल नहीं बनाया जाता यहां गरीबों का मुफ्त इलाज हो सके क्या यही देश भक्ति है या राष्ट्रवाद है भारत माता की जय बोलकर गरीबों के नाम पर नोट और वोट मांगना और खुद ऐश करना।
इसी राष्ट्रवाद को प्रेमचंद जी ने देश का कोढ़ करार दिया था आप ने कभी किसी नेता या किसी बड़े पूंजीपत्ती के बच्चे को फौज में जाते देखा है
क्या वो देश सेवा नहीं ?